Day: 21 June 2020

योग से रहें निरोग

भारत में योग की परंपरा हज़ारों साल पुरानी है। योग आत्मा और शरीर के बीच सामंजस्य रखने का विज्ञान है। सन् 2015 से ही 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित करके सम्पूर्ण विश्व को योग के बारे में जागरूक करने की मुहिम चल रही।

21 जून को उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन होता है इसलिए योग दिवस 21 जून को ही मनाया जाता है।

योग शरीर के साथ-साथ मन को भी मज़बूत करता है। श्वसनतंत्र को मज़बूत करने में योग का महत्वपूर्ण योगदान होता है। ऐसे में जब सम्पूर्ण विश्व कोरोना नामक महामारी से जूझ रहा है, योग एक अच्छा विकल्प हो सकता है क्योंकि कोरोना भी श्वसन संबंधी बीमारी है।

योग कई प्रकार के होते हैं प्रत्येक अंग को ध्यान में रखते हुए योग क्रियाएँ विकसित की गई हैं लेकिन अगर आपने इससे पहले योग नहीं किया है तो योग शुरू करने से पहले कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें।

  1. योग करने के लिए सूर्योदय और सूर्यास्त का समय उपयुक्त होता है। वैसे तो योग किसी भी समय किया जा सकता है बशर्ते योग करने से 2 घण्टे पहले ही कुछ खाया हो। पेट खाली रहना अनिवार्य होता है योग शुरू करने से पहले।
  2. योग ज़मीन पर दरी या चटाई बिछाकर ही करना चाहिए और ज़मीन समतल होना चाहिए।
  3. शुरुआत में हो सकता है कि आपके शरीर में उतना लचीलापन और दृढ़ता न हो जितना योग की मुद्रा के लिए चाहिए तो शुरुआत आसान मुद्राओं से करें।
  4. योग के लिए शांत मन और एकाग्रचित्त होना बहुत ही ज़रूरी है।
  5. योग के लिए संयम और निरंतरता भी उतनी ही आवश्यक है। अगर पहली बार में कोई आसन नहीं बन रहा तो उसका निरंतर अभ्यास करते रहें, उसको छोड़ें नहीं।
  6. योग का परिणाम दूरगामी होता है उसका असर तुरन्त नहीं दिखता तो धैर्य बनाएं रखें।
  7. किसी एक्सपर्ट की निगरानी में और अपने शरीर के मेडिकल कंडीशन को ध्यान में रखकर ही योगाभ्यास करें नहीं तो उसके दुष्परिणाम भी मिल सकते हैं।
  8. सबका शरीर एक जैसा नहीं होता तो एक योग सबको एक जैसा परिणाम दे ऐसा भी सम्भव नहीं, इसलिए किसी की नकल से बचें।
  9. योग बच्चे, बूढ़े, जवान सभी के लिए उपयोगी है बस केवल कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

 

 

सूर्य ग्रहण :- कुछ तथ्य कुछ मिथक

 

 

10 जून 2021 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा। भारतीय समयानुसार दोपहर 1.43 पर यह खगोलीय घटना होने वाली है जिसका असर शाम 6 बजकर 41 मिनट पर खत्म होगा। भारत में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा।ये ग्रहण मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया में आंशिक व उत्तरी कनाडा, ग्रीन लैंड और रूस में पूर्ण रूप से दिखाई देगा।

2021 का दूसरा सूर्यग्रहण 4 दिसंबर को दिखेगा।

क्या है सूर्यग्रहण

वैसे तो सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसमें चंद्रमा अपनी धुरी पर घूमते हुए सूर्य एवं पृथ्वी के बीच में जाता है और आंशिक या पूर्ण रूप से सूर्य को ढंक लेता है जिससे पृथ्वी पर उसकी छाया दिखाई देती है और पृथ्वी पर कुछ देर के लिए अंधेरा हो जाता है।

सूर्यग्रहण का धार्मिक पक्ष

सूर्य ग्रहण का अपना धार्मिक महत्व भी है। हमारे पुराणों के अनुसार राहु और केतु नाम के दो असुर हैं जो चन्द्रमा और सूर्य के आसपास ही रहते हैं तथा समयसमय पर राहु चंद्रमा को और केतु सूर्य को खाने की कोशिश करते हैं, वही चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण के रूप में सामने आता है। हालांकि इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है और जानकारी के अभाव में लोगों ने अपनी एक धारणा विकसित कर ली थी।

क्या करें क्या न करें और क्यों?

सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण के दौरान खाना, पीना, मलमूत्र त्याग करना, सोना आदि वर्जित माना जाता है।हालांकि इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि ग्रहण के दौरान हानिकारक विकिरण निकलते हैं जिनके बैक्टीरिया खाने को खराब कर देते हैं और वो पाचनतंत्र में जाकर अनेक रोगों को भी आमंत्रित करते हैं। इस दौरान खाद्य पदार्थों जैसे दूध, सूखे अनाज इन सबमें कुश या तुलसी पत्ता रखने का रिवाज है जिससे सब बैक्टीरिया इसी में चिपक जाएं और ग्रहण के बाद उनको निकाल कर बाहर कर देना चाहिए।

ग्रहण के बाद स्नान आदि करने का भी रिवाज़ है ताकि इस दौरान जो भी हानिकारक विकिरण या बैक्टीरिया हमारे शरीर पर चिपकें वो साबुन और पानी में मिलके बह जाएं।

फिलहाल तो कोरोना नामक ग्रहण पूरी दुनिया पर ही लगा हुआ है इसलिए अपना और अपने परिवार को हानिकारक विकिरणों और बैक्टीरिया वायरस से सुरक्षित रखना हमारा प्रथम कर्तव्य है। सब खुश और स्वस्थ रहें यही ईश्वर से प्रार्थना है।