Dishwasher (डिशवाशर)- Ek nayi jarurat
भारत में बर्तन धोने की मशीन बहुत प्रचलित नहीं है क्योंकि यहाँ हाउसहेल्पर्स आसानी से अवेलेबल हैं लेकिन कामकाजी महिलाओं के बढ़ते प्रचलन और समय सामंजस्य न बिठा पाने की वजह से अभी डिशवाशर का प्रचलन बढ़ रहा है खासकर कोरोना काल में जब सभी लोग अपने घरों में बंद हो गए हैं और सारी बर्तन धोने की सुविधाएं एकदम से बंद हो जाने से डिश वॉशर की मांग एकाएक बढ़ गई और जो डिशवाशर थे वो मार्किट से गायब ही हो गए।
हमने भी डिशवाशर खरीदते समय जो पड़ताल किया वो आपसे शेयर कर रहे है।
मध्यम वर्ग परिवार के लिए बजट, बिजली खपत और मशीन की क्षमता ये तीनों चीजें ही बहुत मायने रखती हैं। कोई भी मशीन खरीदते समय हम ये ज़रूर ध्यान रखते हैं।
भारत में बिजली खपत भी एक गम्भीर मुद्दा है तो डिशवाशर खरीदते समय ये भी दिमाग में रखना पड़ता है।
डिशवाशर का डिटर्जेंट (Detergent) भी आम डिटर्जेंट से अलग होता है। डिटर्जेंट के अलावा, इसमें गंदे बर्तन साफ करने के लिए Salt और Rinse- Softener (पानी की कठोरता के आधार पर) भी होता है
जो गर्म पानी
साथ में हाई प्रेशर को बर्तनों पर डालता है जिससे बर्तन साफ होते हैं। ये बर्तनों को साफ करके सुखाने के काम भी करता है।
डिशवॉशर में विभिन्न प्रकार के बर्तन जैसे प्लेट, ग्लास, चम्मच आदि के लिए अलग-अलग प्रकार के बास्केट होती है । डिशवाशर के अंदर अलग तरह के गंदे बर्तनों को साफ करने के लिए अलग प्रक्रिया होती है, सामान्य तौर पर मुख्य मोड हैं:
इंटेंसिव मोड- इस मोड में बहुत गन्दे और चिकनाई युक्त बर्तन साफ करने और सुखाने का प्रावधान है यह 170-200 मिनट्स का समय भी लेता है जो सबसे ज्यादा टाइम पीरियड होता है इस मशीन के अंदर।
इकोनॉमिक मोड- समय तो इस मोड में भी 170-200 मिनट्स ही लगते हैं लेकिन यह बिजली की खपत और पानी की खपत को नियंत्रित करके काम करता है इसलिए उसको इकोनॉमिक मोड कहते हैं।
60-90 मिनट्स मोड-60-90 मिनट्स मोड भी एक अच्छा विकल्प है डिशवाशर के अंदर जब आप 170 मिनट्स का समय बर्तन धोने के लिए नहीं देना चाहते और बर्तन गन्दे भी हों ।
नार्मल 30-45 min मोड- ये नॉर्मल प्रकार के बरतनों के लिए होता है जैसे थाली, कटोरी और प्लेट्स। ज्यादा गन्दे बर्तन इस मोड में नहीं साफ हो पाते।
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