अरकू घाटी: विज़ाग से विजयनगरम के रास्ते
चलिए आज फिर से हमारी दक्षिण यात्रा को आगे बढ़ाते हैं। विशाखापट्टनम के बीचेस का आनंद उठाने के बाद हमने पास के स्थान फेमस बोरा केव्स और आरकू वैली की तरफ किया। विशाखापट्टनम से अरकू के रस्ते में विजयानगरम नाम का बड़ा ही खूबसूरत शहर भी मिला जो पहली बार में राजा कृष्णा देव राय और तेनाली रमा के महशूर किस्सों वाला सुनाई देता हैं पर वास्तव में यह विजयनगर साम्राज्य से अलग, आंध्र प्रदेश का एक बड़ा जिला हैं जो अपने हरे भरे पहाड़ो और शांति मय जीवन के लिए जाना जाता हैं । वैसे तो विजयनगरम में भी कई घूमने की जगह हैं जैसे की विजयनगरम फोर्ट, घंटाघर, पर हमे सब से ज्यादा पसंद आया रामनरायणं मंदिर।
रामनारायणं मंदिर:
यह स्थान अपने आप में एक अनूठी जगह है यह काफी बड़ा पार्क है जो की धनुष के आकार में है जो ऊपर से देखने पर काफी मनमोहक लगता है। इसके अंदर पूरी रामायण कलाकृत्यों में छपी हुई है जो किसी भी मनुष्य को मंत्रमुग्ध कर सकती है और आप इसमें सुध बुध खो सकते हैं। यहां हनुमानजी की बहुत बड़ी प्रतिमा है जिस पर शाम ६ बजे के बाद प्रोजेक्टर के माध्यम से पूरी रामायण दिखाई जाती है या यह कह ले की पवनपुत्र के अद्भुत और रोमांचकारी कारनामे हमारी आँखों के सामने सचित्र वर्णन होता है वो ऐसा लगता है की सब कुछ हमारी आँखों के सामने ही हो रहा है। उसके बाद पवनपुत्र की आरती और प्रसाद का समय होता है।
विजयनगरम में एक प्राचीन रामतीर्थम मंदिर भी हैं, जो एक बहुत ऊंची पहाड़ी पर बना हैं और वह पहुंचने के लिए थोड़ा जयादा समय भी चाहिए। पहाड़ी के नीचे भी एक प्राचीन मंदिर हैं जो उसी नाम से जाना जाता हैं और 7 बहुत सुन्दर मंदिरो का समूह सा हैं।
विजयनगरम से हमने आरकू वैली की यात्रा प्रारम्भ की।
अरकू घाटी
अरकू घाटी विशाखापट्टनम से ४ से ५ घंटे की दुरी पर एक बहुत खूबसूरत घाटी है। जो वाणिज्यिक रूप से बहुत कम उपयोग में लाइ गई है इसलिए ये बहुत कम प्रदूषित है। यहां तक की यहां का रहन सहन बोली भाषा और खान पान सब अपने वास्तविक रूप में ही रह गए हैं या यह कह सकते हैं की जनजातीय रूप में ही पाया जाता है।
बोर्रा गुफा
विशाखापट्टनम से अरकू जाते हुए रस्ते में ही बोर्रा केव्स है उसको जरूर एक्स्प्लोर करियेगा चुना पत्थर की बनी हुई गुफा अंदर से भी उतनी ही खुबसुरत और गुलज़ार रहती है।
अराकू घाटी (Araku Valley) में अनंतगिरी पहाड़ियों के बीच स्थित बोर्रा गुफा देश की सबसे बड़ी गुफाओं में से एक मानी जाती है। यह लगभग 705 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और इसकी खोज 1807 में हुई थी। बोर्रा गुफा कार्स्टिक चूना पत्थर (karstic limestone) से बनी है।
पत्थर की बनी हुई गुफा अंदर से भी उतनी ही खुबसुरत और गुलज़ार रहती है। जगह जगह पर चुना पत्थर से बनी कलाकृतियां आपका मन जरूर मोह लेंगी साथ ही साथ 3 से 4 घंटे का समय और एनर्जी लेकर जाये क्यूंकि गुफा के अंदर बस चलते जाओ चलते जाओ और वापस आने का मन ही नहीं होता। काफी ऊंचाई पर जाने पे एक स्वनिर्मित भगवान भोलेनाथ की मूर्ति है जो आस्था स्वरूप मंदिर का रूप ले ली है।
अरकू घाटी के कॉफ़ी और काली मिर्च के बागान
आरकू वैली एक हिल स्टेशन हैं जो आंध्र प्रदेश के गरम मौसम से राहत दिलाता हैं और अपनी साफ़ मौसम और कुहरे के साथ हलकी ठण्ड के साथ बड़ा ही रोमांटिक माहौल बनाता है ऐसे में यहाँ बड़े बच्चे बूढ़े और नवविवाहित जोड़े सभी के लिए कुछ न कुछ जरूर है।
अरकू घाटी के कॉफ़ी और काली मिर्च के बागान बहुत मशहूर हैं।विशाखापट्टनम से अरकू जाते समय रास्ते में लम्बे लम्बे पेड़ों पर काली मिर्च की बेल लपटी हुई और साथ में कॉफी के पौधे अपने आप में अनूठा संगम बना रहे थे जो अद्भुत नज़ारा था।
साथ ही वहां पर मधुमखी पालन जिसे एपिकल्चर कहते हैं वह भी बहुतायत में देखने को मिला। इसलिए वहां शुद्ध शहद भी मिला।
अरकू घाटी वैसे तो यहां का हिल स्टेशन है। यहां वैसे तो मौसम एक जैसा रहता है न ज्यादा गर्मी न ज्यादा सर्दी लेकिन अरकू घाटी में ठण्ड का मौसम रहता है। इसलिए वहां जाने से पहले अपनी तयारी करके जाएँ। अरकू घाटी में जनजातीय रहन सहन और उनकी जीवनशैली अपनी ओरिजिनल रूप में ही मिलती है। अगर आप चिकेन खाने के शौक़ीन हैं तो यहां बम्बू चिकन बहुत रोडसाइड दुकाने हैं । बैम्बू के बने हुए क्राफ्ट्स भी बहुत अच्छे मिलते हैं।
यहां घूमने की जगहों में ट्राइबल म्युसियम , छापाराई वॉटरफॉल , पदमपुरम बोटैनिकल गार्डन , चॉक्लेट फैक्ट्री , बोर्रा केव्स और कतिकी वॉटरफॉल है। ज्यादा से ज्यादा २ दिनों में ये पूरा कवर हो जाता है।
छापाराई वॉटरफॉल ,
यह वॉटरफॉल अरकू से 15km की दुरी पर बहुत खूबसूरत जलप्रपात है जिसकी कोई ऊंचाई नहीं है यह नदी द्वारा चुना पत्थरो के कटाव से ही बना है और यहां लोग पिकनिक मानाने के हिसाब से जाते हैं एक्स्ट्रा कपड़े लेकर जाने से आप वह नहा भी सकते हैं और खाने के लिए बम्बू चिकेन और भुट्टा बस यही ऑप्शन अवेलेबल होगा।
ट्राइबल म्युसियम में ट्राइबल रहन सहन खान पान उनके रीती रिवाज़ और उनकी दैनिक जीवन चर्या को बड़ी बारीकी से दर्शाया गया है। सबसे खास बात यहां की यही है की जो भी है सब अपने ओरिजिनल फॉर्म में है लोग जंगल से ही अपनी ज़रूरत की सभी चीजे निकल लेते हैं और ऐसे ही उनकी जीवन शैली चलती रहती है।
हम तो साल के आखिरी दिन पहुंचे थे वहां पर तो वहां काफी रश था और होटल के चार्जेज भी डबल हो गए थे तो आप अपनी ट्रिप प्लान करने से पहले ये ध्यान ज़रूर रखियेगा की पीक टाइम में सभी चीजें पीक पर ही होती हैं। लेकिन इसी आपाधापी में हमे एक बहुत नायब चीज देखनी को मिली बोन फायर के साथ ट्राइबल डांस जिसका एक छोटा सा विडिओ हम आपके लिए भी शेयर क्र रहे।
आरकू वैली bikkers और ओपन कैंपिंग के लिए भी पैराडाइस हैं। कई लोग सिर्फ इसी के लिए आरकू वैली का रुख करते है। पहाड़ो के घुमाओदार रास्ते से होते हुए हर भरे जंगलो से होते हुए नेचर के पास पहुंचने में अलग की शांति और ताज़गी का अनुभव कराती है। इसलिए जब आप भी विशाखापट्टनम की यात्रा का प्लान करे आरकू वैली और उसके आस पास की जगहों को जरूर शामिल करियेगा।
उम्मीद हैं आपको मेरा यह आरकू वैली का ट्रेवल ब्लॉग पसंद आया होगा। इसको पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद् और आपके सुझाव आमत्रित हैं।