भारत विविधता से भरा हुआ देश है इसकी भूमि क्षेत्र में भी विविधता है कही ज्यादा सुखी भूमि है तो कही अत्यधिक वर्षा युक्त क्षेत्र होने से नमी युक्त भूमि पाई जाती है। इस वजह से जंगली वनस्पतियों में भी विविधता पाई जाती है। भारत विश्व के 17 मेगा जैव विविध क्षेत्रों में से एक है, जिससे वन विविध वनस्पतियों के साथ ही वन जीवों के विभिन्न पारिस्थितिक तंत्र का समर्थन करते है।
भारत में National Parks या राष्ट्रीय उद्यानों की चर्चा यहां वन्यजीव अभयारण्यों (Wildlife Sanctuaries) के साथ की जाती है। ये जैव विविधता संरक्षण ( biodiversity conservation) के लिए उपयुक्त स्थान हैं। राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य (National Parks and Wildlife Sanctuaries) वन्यजीवों के संरक्षण, वनस्पतियों और जीवों को बचाने और प्राकृतिक पारिस्थितिक संतुलन को बनाये करने के प्राथमिक उद्देश्य को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा घोषित संरक्षित क्षेत्र हैं। भारत में 103 राष्ट्रीय उद्यान और 544 वन्यजीव अभयारण्य हैं। ।मध्य प्रदेश और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सबसे ज्यादा राष्ट्रीय उद्यान (maximum number of National Parks – 9 each) हैं। भारत में राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों में शानदार प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक घूमने आते हैं।
राष्ट्रीय उद्यान
राष्ट्रीय उद्यान एक ऐसा क्षेत्र है जो वन्यजीवों और जैव विविधता के संरक्षण के लिए strictly reserved होता है। जहाँ विकास, वानिकी, अवैध शिकार, शिकार और खेती या चराई जैसी सभी गतिविधियों पर पाबंदी होती है। सरकार किसी क्षेत्र को तब’ राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित कर सकती है जब वह पर्याप्त पारिस्थितिक, भू-आकारिकी (geo-morphological) और प्राकृतिक रूप से महत्वपूर्ण हो। इन पार्कों में, निजी स्वामित्व के अधिकारों की भी अनुमति नहीं है। वे आमतौर पर छोटे वर्ग हैं जो 100 वर्ग किमी से 500 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैले हुए हैं। राष्ट्रीय उद्यानों में वनस्पतियों या जीवों की प्रजातियों के संरक्षण पर जोर दिया जाता है।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भारत के सबसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है और असल में, एशिया में बनने वाला पहला राष्ट्रीय उद्यान भी है।।इस राष्ट्रीय पार्क का टाइगर कंज़र्वेशन में अभूतपूर्व योगदान हैं जिसके कारण आज यह विश्व के 60 परसेंटेज टाइगर पापुलेशन का नेचुरल हैबिटैट हैं ।चूंकि बाघ प्रकृति खाद्य श्रृंखला के शीर्ष पर आते हैं, इसलिए इनका संरक्षण उनके क्षेत्र के आसपास वनस्पतियों और जीवों की विविधता को बनाए रखने में मदद करता है।
आज उत्तराखंड राज्य में स्थित यह पार्क 1318 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और पक्षियों, पौधों और जानवरों की हजारों प्रजातियों का घर है। अगर आप इस वीकेंड कहीं घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो हमारा मानना है कि आपको एक बार जिम कॉर्बेट जरूर घूमने जानना चाहिए। टाइगर जंगल सफारी के अलावा यहां हाथी की सवारी, कैम्पिंग, ट्रैकिंग जैसी एक्टिविटीज का भी मजा लिया जा सकता है। यु तो जानवर चिड़ियाघरों में भी देखे जा सकते हैं पर इन्हे इनके पारम्परिक हैबिटैट में नेचुरल एक्टिविटीज करते देखना बहुत अधिक रोमांचकारी होता हैं। चलिए आपको इस लेख में और जानकारी देते हैं –
जिम कॉर्बेट पार्क के उत्तखण्ड सरकार की ऑनलाइन बुकिंग वेबसाइट उपलब्ध हैं जिससे आप एडवांस बुकिंग कर सकते हैं, क्यूंकि अचानक से वहां पहुँचने पर हो सकता है आपको रुकने के लिए जगह की दिक्कत हो जाए ।
जिम नेशनल कॉर्बेट को ५ ज़ोन्स में बांटा गया है जिनके नाम हियँ बिजरानी, ढिकाला, झिरना, ढेला और दुर्गा देवी जोन पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इन ज़ोन्स को बनाया गया है और जिनके बुकिंग सीजन स्टॉर्ट होने पर काफी जल्दी ही फुल हो जाती हैं । पोखरों जोन नया बना है वहां रुकने के लिए आपको सरकार की ऑनलाइन वेबसाइट पर बुकिंग जल्दी मिल जाएगी लेकिन यह बाहरी इलाके में पड़ता है तो इधर जानवर आसानी से देखने को नहीं मिलते। इसलिए वहाँ जाने से पहले रिसोर्ट की प्री बुकिंग देखसमझकर करें । जंगल सफारी के लिए जीप की भी ऑनलाइन प्री बुकिंग करनी होती है।
जिम कॉर्बेट घूमने जाने का प्लान मौसम देखकर बनाए बहुत ज्यादा ठण्ड और गर्मी में आपको जानवर नहीं दिखेंगे और आप भी घूमने का मजा नहीं ले पाएंगें इसलिए जाने से पहले रिसोर्ट की प्री बुकिंग करते समय वहाँ के मौसम का ध्यान रखे। आमतौर पर १५ जून से १५ अक्टूबर तक बारिश के मौसम में जिम कॉर्बेट बंद रहता है।
यात्रा से पहले की तैयारी
ट्रिप प्लान करने से पहले कुछ तैयारियां ज़रूर कर ले जैसे जंगल में मच्छर और कीड़े मकोड़े होते हैं तो उस हिसाब से अपनी तैयारी करके जाएँ । साथ ही अपने खाने पीने के कच्चे पदार्थ लेकर जाएं या फिर वहां पर मार्किट जाने के लिए तैयार रहें क्यूंकि जिम कॉर्बेट पार्क में कोई कैंटीन सुविधा नहीं हैं और सपोर्ट स्टाफ आपके राशन से ही खाना त्यार कर के देते हैं । यहाँ गेस्ट हाउस पार्क के काफी अंदर हैं इसलिए मोबाइल नेटवर्क का बहुत इशू रहता हैं पर बाहरी दुनिया से संपर्क काट के कुछ पल अपने लोगो के साथ गुजरना भी यादगार हो जाता हैं। रिसोर्ट का पावर बैकअप ज़रूर चेक करें क्यूंकि वहाँ पावर कट की समस्या आम बात है। जानवरो को उनके नेचुरल हैबिटैट में डिस्टर्बेंस न हो इसलिए हॉर्न, लाइट और म्यूजिक का शोर मना होता हैं ।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में जंगल सफारी – Jungle Safari in Jim Corbett National Park
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में हाथी सफारी – Elephant Safari in Jim Corbett National Park
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में कॉर्बेट संग्रहालय – Corbett Museum in Jim Corbett National Park
कॉर्बेट संग्रहालय पूरे राष्ट्रीय उद्यान में सबसे आकर्षक स्थानों में से एक है। संग्रहालय अब उस बंगले में स्थित है जो प्रसिद्ध संरक्षणवादी- जिम कॉर्बेट- का घर हुआ करता था- जिनके नाम पर पार्क का नाम रखा गया है। संग्रहालय उनके संस्मरणों, उनके निजी सामान, उनके द्वारा लिखे गए पत्रों के साथ-साथ उनके मित्रों और शुभचिंतकों, प्राचीन वस्तुओं और दुर्लभ तस्वीरों को प्रदर्शित करता है। यहां एक छोटी सी दुकान स्मृति चिन्ह और हाथ से तैयार की गई स्थानीय वस्तुओं को भी बेचती है जिन्हें कोई भी खरीद सकता है। आप जिम कॉर्बेट, में किए गए काम और जानवरों के लिए एक सुरक्षित और रहने योग्य वातावरण बनाने के उनके प्रयासों से जुड़ी कहानियों को भी जान सकते हैं।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में कैंपिंग – Camping in Jim Corbett National Park
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में कैम्पिंग सबसे शांतिपूर्ण गतिविधियों में से एक है, जिसमें पर्यटक यहां आकर इस एक्टिविटी का मजा लें सकते हैं। पार्क एक विस्तृत क्षेत्र में फैला हुआ है और पार्क में आकर्षण से जुड़ी कई चीजें मौजूद हैं। हालांकि, कैंपिंग सबसे लोकप्रिय गतिविधियों में से एक है क्योंकि ये अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है। आप कैंपिंग पैकेज बुक कर सकते हैं जिसमें नेशनल पार्क में लुभावने जंगलों के माध्यम से मछली पकड़ने, बॉनफायर जैसी चीजें शामिल हैं।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में कॉर्बेट वॉटरफॉल – Corbett Waterfall in Jim Corbett National Park
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में एक और चीज जो आपका इंतजार कर रही है, वो है कॉर्बेट वाटरफॉल। यह नैनीताल जाते समय सड़क मार्ग से रामनगर से लगभग 22 से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। घने जंगलों से घिरा और बहुत ही शांत वातावरण प्रदान करने वाला, यह 66 फीट ऊंचा जलप्रपात देखने लायक है, खासकर पूर्णिमा की रातों में। प्रकृति प्रेमी अक्सर इस झरने के पास डेरा डालकर पिकनिक मनाने आते हैं। पर्यटकों को पास से देखने की बजाए दूर से वॉटरफॉल देखने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यहां सांप और मगरमच्छ देखे जाते हैं। सड़क से, आपको इस झरने तक पहुँचने के लिए 2 किमी के छोटे ट्रैक को पूरा करना पड़ेगा।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में रिवर राफ्टिंग – River Rafting in Jim Corbett National Park
अगर आप सोच रहे हैं कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में और क्या कर सकते हैं, तो आप यहां रिवर राफ्टिंग का भी मजा ले सकते हैं क्योंकि यह जानवरों और पक्षियों के अलावा पार्क के मुख्य आकर्षणों में से एक है। कोसी नदी पार्क से होकर बहती है और पर्यटकों में रिवर राफ्टिंग करने का सही अवसर प्रदान करती है। इस गतिविधि में भाग लेने का सबसे अच्छा समय मानसून के मौसम के दौरान होता है। नदी का मार्ग आपको जंगलों और पहाड़ियों के बीच ले जाता है, जहां से आप प्रकृति का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं।
जब हम वहाँ गए थे तब जून का महीना था और उत्तर भारत प्रचंड गर्मी में कराह रहा था और साथ ही कराह रहे थे इस नेशनल पार्क के पशु पक्षी और सभी पेड़ पौधे साथ ही बिजली भी अपनी लुंज पुंज दशा में थी। ऐसे में हमें टाइगर तो नहीं दिखा लेकिन फिर भी अपनी व्यस्ततम दिनचर्या से उबरकर कुछ सुकून के पल और ढेरों खट्टी मीठी यादों के साथ हम वापस आ गए इस उम्मीद में की शायद किसी और प्राणी उद्यान में टाइगर जरूर मिलने का अवसर देगा। आप अपनी अनुभव और संस्मरण हमसे जरूर साझा करें आपके प्यार और सहयोग से हमें बहुत प्रोत्साहन मिलता है