मई और जून के महीने में भारत में पाया जाने वाला यह जामुनी रंग का फल न सिर्फ देखने में ही आकर्षक होता है बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है। जामुन का सिर्फ बीज ही नहीं बल्कि गुठली भी बहुत उपयोगी होती है। यह सयज़ीगिम क्यूमिनी नामक पेड़ से प्राप्त फल होता है जो स्वाद में खट्टा और मीठा दोनों फ्लेवर लिए हुए होता है। आज हम इसके कुछ फ़ायदों के बारे में जानेंगे।
जामुन के फायदे
- जामुन मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए रामबाण का काम करता है। इसके बीजों में विद्यमान जम्बोलीन शरीर में पहुंचकर भोजन के स्टार्च को शुगर में बदलने से रोकता है। इसका Glycemic index कम होने के कारण ये मधुमेह के अन्य लक्षणों जैसे बार-बार मूत्र आना और ब्लड शुगर लेवल को भी नियंत्रित करता है।
- जामुन पेट के लिए भी काफी लाभदायक है। इसके बीज को सुखाकर पीसने पर जो पाउडर मिलता है उसको पेट की कई बीमारियों की दवा के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
- जामुन आयरन और विटामिन सी से भरपूर होता है इसलिए यह हीमोग्लोबिन की संख्या को बढ़ाने में मददगार है।
- जामुन त्वचा पर आए दाग-धब्बे और कील-मुहांसे दूर करने में भी काफी मदद करता है। इसके बीज को सुखाकर पीसने पर मिले पाउडर को कच्चे दूध में मिलाकर चेहरे पर लगाने से यह कांतियुक्त चेहरा बना देता है।
- जामुन पोटैशियम से भरपूर होता है इसलिए यह हमारे दिल को स्वस्थ रखता है।
- जामुन की पत्तियां पेट के अल्सर के इलाज में उपयोग की जाती हैं।
- जामुन के पत्ते और छाल जीवाणु रोधी और संक्रमण रोधी माने जाते हैं इसलिए इनका उपयोग दांत और मसूड़ों को स्वस्थ रखने के लिए किया जाता है।
- जामुन पथरी और बवासीर जैसे रोगों के उपचार के लिए भी उपयोग किया जाता है।
- जामुन अपने खट्टे-मीठे स्वाद के कारण कई जेली और कैंडी बनाने में उपयोग होती है। इससे सिरका और शराब भी बनती है।
- जामुन का रस आपके इम्यून सिस्टम को बढ़ाता है। इसके रस से खांसी और दमा जैसे रोगों से छुटकारा मिलता है।
जामुन के नुकसान
- जामुन ज्यादा मात्रा में लेने से कई नुकसान भी होते हैं।
- यह ब्लड शुगर लेवल कम करता है तो सप्ताह में एक-दो बार से ज्यादा लेने पर शुगर लेवल ज्यादा कम हो सकता है।
- बहुत अधिक मात्रा में लेने से यह मुँह और छाती में जलन या खराश कर सकता है।
- खाली पेट जामुन नहीं खाना चाहिए क्योंकि यह अम्लीय होता है और एसिडिटी कर सकता है।
- जामुन खाने के तुरंत बाद दूध नहीं पीना चाहिए वरना भयावह परिणाम हो सकते हैं।
- सर्जरी के बाद कम से कम 15 दिन तक जामुन के सेवन से बचना चाहिए।
- उच्च मात्रा में जामुन खाने से फेफड़ों में कफ़ जमा हो सकते हैं।
- जामुन वात दोष को बढ़ाता है इसलिए अपनी शरीर के दशानुसार ही इसका सेवन करें।
- गर्भवती महिलाएं इससे परहेज़ करें तो श्रेयस्कर है क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है।
अब अगली बार जब भी आपको बाजार में जामुन दिखे बगैर किसी हिचक के इसको घर लाएं और इसको साफ करके इसके जायके और फायदे दोनों का लुत्फ लें।