ऐसी कोई भी वस्तु जिसे खाने, छूने या साँस लेने पर कुछ लोग बीमार हो जाते हैं उसको एलर्जेंस कहते हैं और एलर्जेंस से होने वाले असर को एलर्जी कहते हैं।
हमारे शरीर में एक रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है जो हमारे शरीर के सम्पर्क में आने वाले कुछ पदार्थ या किसी कीड़े से निकलने वाले केमिकल के प्रति संवेदनशील होती है इसी को हम एलर्जी कहते हैं।
इसके मुख्य लक्षण
लगातार छींके आना और नाक से पानी बहना, सिरदर्द होना, शरीर पर चकत्ते या धब्बे होना, नाक, आँख, तालु और कभी-कभी पूरे शरीर में खुजली होना है।
प्रमुख कारण
ऐसा भोजन खा लेना जिससे हमारे शरीर का रोग प्रतिरोधक सिस्टम एक्टिव हो जाता है और उस भोजन को एंटीजन के रूप में लेता है। बदलता हुआ मौसम, धूल-मिट्टी, नमी, प्रदूषण, जानवरों के रेशे एवं बाल का शरीर में प्रवेश करने, मधुमक्खी या कोई कीड़े के काटने से अचानक से तापमान परिवर्तन और कभी-कभी किसी को किसी खाद्य पदार्थ या किसी दवा से भी एलर्जी हो सकती है।
रोकथाम
रोकथाम एलर्जी के लिए सबसे अच्छा इलाज है। दवाईयाँ भी ज्यादा असर नहीं दिखाती क्योंकि सबकी अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता और सबके शरीर की संरचना अलग-अलग होती है। इसलिए अपने शरीर के एलर्जी प्रकार और एलर्जेंस को पहचानें और उससे खुद को सुरक्षित रखें। कई बार किसी को सामान्य परिस्थितियों में भी एलर्जी हो जाती है। इससे बचने के लिए ये ध्यान रखना ज़रूरी हो जाता है कि हाल-फिलहाल में हमने अपने खानपान और जीवनशैली में क्या-क्या परिवर्तन किया। ब्लड टेस्ट, स्किनप्रिक टेस्ट और पैच टेस्ट द्वारा किसी व्यक्ति का किसी खास पदार्थ के लिए एलर्जी का पता लगाया जा सकता है।