भारतीय मसाले जिनका नाम सुनते ही न सिर्फ रंग-बिरंगे मसाले आँखों के सामने नाचने लगते हैं, बल्कि मुँह में भी पानी आ जाता है। ये मसाले किसी बेस्वाद से खाने में भी जान डाल देते हैं। कोई भी भारतीय व्यंजन बिना मसालों के पूरा नहीं होता चाहे मसाले साबुत रूप में प्रयोग किये गए हों या फिर पाउडर के रूप में।
आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि भारत न केवल मसालों का प्रयोग करने में अग्रणी है, बल्कि इसके निर्यात में भी सबसे आगे है। विश्व के कुल मसालों का 70% भारत में पैदा होता है।
ऐसा माना जाता है कि सबसे पहले पुर्तगाल ने भारत को मसालों की वजह से ही खोज निकाला था और सालों तक दूसरे देश भारत से मसालों का व्यापार करते रहे। हमारे देश के केरल राज्य को States of spice का दर्जा मिला हुआ है और वहाँ के एक शहर कोझिकोड को मसालों का शहर कहते हैं। भारतीय मसाला अनुसंधान केन्द्र (IISRC) भी कोझिकोड में ही है।
मसाले न सिर्फ भोजन का स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि इनमें कई औषधीय और रासायनिक गुण भी होते हैं, जिनमें कुछ पर हम अपने लेख में बता रहे।
केसर को मसालों का राजा और धनिया को मसालों की रानी कहते हैं।
अदरक, इलायची, लौंग, काली मिर्च, ज़ीरा, जायफल, जावित्री, तेज़ पत्ता,धनिया, तुलसी, हल्दी, दालचीनी, केसर, लहसुन, सौंफ आदि। ये कुछ ऐसे मसालों के नाम हैं जिनसे हम सब परिचित हैं और अपने रोज़ के खाने में इनका प्रयोग करते हैं। क्या हम इनके सभी फ़ायदों और नुकसान से भी भली-भाँति परिचित हैं ?
मसालों का प्रयोग अगर उचित मात्रा में करें तो न केवल हम खुद और अपने परिवार को स्वस्थ रख पाएँगे बल्कि अपनी इम्युनिटी बढ़ाकर तमाम रोगों से बचे रहेंगे। इसके लिए हमें अपने मसालों में पाए जाने वाले तत्वों और उसके फायदों की जानकारी होना आवश्यक है। जिनके बारे में मैं एक-एक करके अपने ब्लॉग्स के द्वारा समय-समय पर लिखती रहूँगी। आपके सुझाव और सहयोग से मुझे भी सहायता मिलती रहेगी।
भारतीय मसालों की महत्वपूर्ण जानकारी यहाँ उपलब्ध है, आपने बहुत अच्छी मेहनत की है, आपकी site मसालों की जानकारी के लिए बहुत अच्छी है, धन्यवाद
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