आजकल कोरोना के आतंक से जहाँ लोग घरों में कैद हैं वहीं गृहिणियों का काम दुगुना हो गया है।जहाँ एक तरफ कामवालियों की बंदी वहीं दूसरी तरफ स्कूल भी ऑनलाइन शुरू हो गए हैं।
ऐसे में पूरी दिनचर्या ही अस्त-व्यस्त हो गई है।कोरोना आज नहीं तो कल चला जाएगा लेकिन अगर हम लोग अपनी दिनचर्या नहीं सुधारेंगे तो आगे बहुत दिक्कत आने वाली है।कहते हैं न औरत घर की धुरी होती है वो बैठ जाए तो घर रुक जाता है l इसलिए सबको फिट रखने के लिए सर्वप्रथम खुद को समय दें और फिट रहें तभी सबको फिट रख पाएँगी l
1.इसके लिए ये ज़रूरी है कि आप अपने लिए कुछ समय ज़रूर निकालें l ये वो समय होना चाहिए जिसमें केवल अपनी पसंद का काम करें ताकि फिर से एक नई ऊर्जा का प्रवाह शुरू हो सके बाकी कामों के लिए, साथ ही साथ आधा घण्टा ही सही व्यायाम के लिए भी ज़रूर समय निकालें।
ऐसे में अगर आप खुद कुछ नहीं कर पा रहीं तो ऑनलाइन क्लासेज भी जॉइन कर सकती हैं जिसमें आप उतने टाइम पर एक्सरसाइज करेंगी ही ये कमिटमेंट हो जाती है।
2. आप सुपर पावर नहीं हैं कि सबकुछ आप ही कर लेंगी इसलिए परिवार के सभी सदस्यों से मदद मांगे और सबके काम बांटे, बज़ाय इसके की खुद ही सारे काम की ज़िम्मेदारी लेकर बीमार हो जाएं या तनावग्रस्त रहें l
3.संतुलित आहार लें कई बार होता है कि पूरे परिवार का ध्यान रखने में गृहिणियां अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हो जाती हैं l जो बचा है खा लिया नहीं बचा तो ऐसे ही सही, ये बिल्कुल नहीं होना चाहिए l शरीर की ज़रूरत सबकी एक जैसे होती है। ऐसा बिल्कुल नहीं कि आपका बच्चा या पति संतुलित आहार लेंगे तो उसके पौष्टिक तत्व आपके शरीर में जाएंगे l
4 .सुबह का नाश्ता स्किप न करें l रात भर पेट खाली रहता है और उसके बाद काम की जल्दबाजी में अगर आपने नाश्ता छोड़ने की आदत बना रखी है तो इसके गंभीर नतीजे भुगतने को तैयार रहिये । मधुमेह, एसिडिटी, ब्लॉटिंग, अपच, वज़न बढ़ना इसी लापरवाही के कुछ नतीजे हैं l
5.बेवजह का तनाव न लें l खुद खुश रहें और परिवार को भी खुश रखे l
6.लॉक डाउन में परिवार के साथ क़्वालिटी टाइम ज़रूर बिताएँ, वो टाइम या तो कोई इनडोर गेम खेलते हुए बिता सकते हैं, बच्चों के साथ कोई एक्टिविटी या फिर कुछ और जो आपको ठीक लगे।
7. मी टाइम ज़रूर रखें इसमें वो करें जो करना आपको सुकून देता हो वो आपका कोई पुराना शौक हो सकता है बागवानी हो सकती है किताब पढ़ना कुछ भी..इसके बाद आप अपने को तरोताजा महसूस करेंगीं।
8.किसी और से खुद की तुलना न करें l ये दुखी होने का एक बड़ा कारण हो सकता है। हर इंसान का अलग स्टेमिना और लेवल होता है।
9. रोज़ अपने जीवन मे घटी 3 खुशी की घटनाएं डायरी में लिखें। सकारात्मक सोंचे और सकारात्मकता बांटे। ज्यादा दुःख बताने वालों से लोग अपने आप दूर होते जाते हैं।
10. अपने दोस्तों और माता पिता से दिन में कम से कम एक बार ज़रूर फोन पर वार्तालाप कर लें, सुकून रहता है l