माँ होने का अहसास ही कितना खास होता है ये उस दिन पता चलता है जब आप खुद माँ बनती हैं। एक छोटा नन्हा सा मेहमान जिसको छूने में ही डर लगता हो उसका ध्यान हम रख पाएंगे कि नहीं, कहीं कुछ गलती न हो जाए ये सब सोचकर ही दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं। ये सब सुनने में बड़ा आसान लगता है लेकिन जिस दिन मैंने अपनी गुड़िया को अपनी गोद में लिया उस दिन एक सुकून के साथ-साथ ये डर मुझे भी सता रहा था। उस बात को 8 साल हो गए लेकिन मुड़कर देखती हूँ तो लगता है जैसे कल की ही बात हो। आज मेरी बेटी जब तरह-तरह के सवाल पूछती है और कभी-कभी जब मुझे ही कुछ नया सिखा जाती है तो सोचती हूँ क्या ये वही नन्हीं परी है जिसको छूने में मुझे डर लगता था। डर लगता था कि क्या मैं एक माँ की ज़िम्मेदारी कायदे से उठा पाऊंगी। ऐसे में कुछ चीजें जो मेरी माँ ने बताया और उन्हें उनकी माँ ने, मुझे भी काफी आराम मिला इनको इस्तेमाल करके अपने मातृत्व के सफर में वो आपसे शेयर करना चाहती हूँ, खासकर उनसे जिनकी इस सफर में शुरुआत हो रही और जो शुरुआत करने वाले हैं।
कुछ चीजें जो एक्सपेरिएंस से ही आती आप कितने भी एजुकेटेड हो मैटर नहीं करता। जैसे आजकल मार्केट में diapers के ढेरों ऑप्शन हैं लेकिन कई बार diapers साइड इफ़ेक्ट्स भी छोड़ देते जैसे रैशेस,रेड स्पॉट्स आदि। इसलिए कपड़े की नैपी भी एक बढ़िया ऑप्शन होता है।
बच्चों की मालिश भी उनके ग्रोथ के लिये बहुत ज़रूरी होती। इसके लिए मालिश करने के तरीके से लेकर मालिश के लिए प्रयोग होने वाला तेल भी उतना ही ज़रूरी होता है। वैसे तो प्राकृतिक रूप से निकला हुआ सरसों का तेल मालिश के लिए सबसे उपयुक्त होता है लेकिन कई बच्चों को सरसों का तेल एलर्जी भी कर देता क्योंकि सरसो की तासीर गर्म होती है ऐसे में नारियल का तेल बेस्ट ऑप्शन होता है क्योंकि इसमें भी मिलावट के चांस बहुत ही कम होते हैं और हर घर में इसका उपयोग होता है।
बच्चों के लिये हाइजीन का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। साफ-सफाई के साथ-साथ जर्म्स नियंत्रण भी उतना ही ज़रूरी होता है। उसके लिए आप बाजार से कोई भी कीटाणुनाशक ले सकते अपने घर के फर्श को साफ करने के लिए भी और बच्चों के कपडों को कीटाणुओं से बचाने के लिये भी।
कई बार बच्चों को पेट में दर्द होता है और वो अपना दर्द बोलके नहीं बता सकते तो सिर्फ रोकर ही बताते हैं ऐसे में घबराने की ज़रूरत नहीं बच्चे को गोद में लेकर अपने कंधे से चिपकाएं और पीठ पर हल्की थपकी दें साथ ही साथ बच्चे की नाभि पर हींग लगाएं इतना करने पर बच्चे को डेफिनेटली आराम मिलेगा।