ब्रह्मकमल(Brahmkamal):: एक करिश्माई पुष्प या रहस्यमयी कैक्टस

कमल का फूल कीचड़ से निकलते हुए भी बहुत खूबसूरत और पवित्र होता है। यह हम मनुष्यों को काफी अच्छी सीख देता है कि हम अपने आसपास के वातावरण से विचलित न होकर सच्चाई और सन्मार्ग का पथ चयनित करें। कमल का फूल सच्चाई, सद्भावना और ऐश्वर्य का प्रतीक है और हमारे भारत देश का राष्ट्रीय फूल भी है।

धार्मिक महत्व

हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान विष्णु की नाभि से निकले कमल के पुष्प से सृष्टि के सृजनकर्ता ब्रह्मदेव की उत्पत्ति हुई थी और उनका आसन भी कमल का फूल ही माना जाता है। उनके साथ ही साथ लक्ष्मी जी का आसन भी यही है। वैसे तो पानी में पाये जाने वाले कमल के फूल की जानकारी तो आम हैं, इसलिए आज हम बहुत ही चमत्कारी और रहस्यमयी फूल ब्रम्हकमल की जानकारी लेते हैं। वैसे तो कमल भारतवर्ष का राष्ट्रीय पुष्प है लेकिन ब्रह्मकमल कमल के फूल से अलग प्रजाति का पुष्प है जो हिमालय क्षेत्र हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी प्रदेशों में ही प्राकृतिक रूप से पाया जाता है।

दुविधा ब्रम्हकमल के बारे में

मैंने अपने बालकनी में ब्रम्हकमल का पौधा लगाया और उसके फूल को देखकर मन अतिप्रसन्न हो गया। बॉटनी की छात्रा होने के कारण उसके बोटानिकल नाम जानने की इच्छा हुई तो गूगल सर्च किया तब मेरे सामने बड़ी दुविधा वाली स्थिति आ गई। ब्रह्मकमल नाम खोजने पर दो बोटानिकल नाम सामने आए एक सौससुरी ऑब्वल्लता ( Saussurea obvallata ) और दूसरा एपिफिल्लुम ऑक्सिपेटालूम (Epiphyllum oxypetalum). अब दुविधा यह कि एक ही ब्रह्मकमल के दो बोटानिकल नाम कैसे हो सकते हैं नाम के साथ ही इनका परिवार भी अलग है। जहाँ पहला अस्टरसै परिवार का सदस्य है वही दूसरा केक्टसए परिवार का। और खोज बीन के बाद पता चला कि असली ब्रह्मकमल केवल पहाड़ी जगहों पर ही पाया जाता है जबकि हम जिसे ब्रम्हकमल समझकर अपनी बालकनी में लगाए हैं वो नाईट क्वीन या आर्किड कैक्टस है जिसका एक नाम निशिपद्मा भी है। जोकि ब्रह्मकमल की तरह ही रात में कुछ घण्टों के लिए खिलता है और परागण को आकर्षित करने के लिए बहुत स्ट्रांग महक बिखेरता है इसीलिए लोग खासकर दक्षिण भारत में इसको भी ब्रम्हकमल बोल देते हैं। यहाँ मैं क्रमवार फोटो भी दे रही हूँ जिसमें पहली फोटो है उत्तराखंड राज्य के राज्य पुष्प ब्रम्हकमल सौससुरी ऑब्वल्लता ( Saussurea obvallata) की जो यहां के तीर्थस्थान बद्रीनाथ और केदारनाथ में यह पुष्प अर्पित किया जाता है। दूसरी फोटो मेरे बालकनी में लगे हुए एपिफिल्लुम ऑक्सिपेटालूम (Epiphyllum oxypetalum) की।

Brmhkamal vs night queen

क्या है रहस्य

यह शाम को 7 बजे से लेकर रात 1 बजे तक खिलता है इसलिए इन्हें रहस्यमयी फूल कहते हैं क्योंकि कई बार तो इसका फूल कोई देख ही नहीं पाता। ऐसा माना जाता है कि इसके फूल को देखने वाले को सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य सब कुछ प्राप्त होता है। ऐसी मान्यता थी असली ब्राह्म कमल का फूल 14 वर्ष में एक बार आता है और पौधा ही दुर्लभ होता है और इसकी जानकारी भी कम होती हैं। जबकि नाईट क्वीन का प्लांट हमारे जैसे कुछ लोग अपने बालकनी में असली ब्रह्म कमल के नाम पर इसको लगाने लगे हैं और साल में 2,3 बार इसके फूल भी दिख जाते हैं। मुख्य रूप से जुलाई से सितंबर के महीने में इसमें फूल निकलते हैं।

 

नाईट क्वीन, निशिपद्मा या Epiphyllum oxypetalum पौधे की देखभाल

  1. यह पौधा कटिंग से ही लगाया जा सकता है।
  2. अगर इसको लगाना है तो ठन्डियों से तुरंत पहले लगाया जाना चाहिए।
  3. इसको लगाने के लिए इनडाइरेक्ट सूर्य का प्रकाश और उपजाऊ लेकिन पथरीली मिट्टी चाहिए।

यह कैक्टस प्रजाति का पौधा है तो इसको ज्यादा पानी की ज़रूरत नही होती। 2,3 दिनों में एक बार पानी देने पर भी यह बढ़िया रहता है।

इसका पूरा पौधा ही औषधीय गुणों से भरा हुआ हैइसके कुछ औषधीय गुण निम्न हैं::

  1. यह बुखार कम करने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
  2. इसके जड़ से लगे हुए फुले हुए भाग (rhizome) और फूल मिलकर इसको जुकाम, खांसी और हड्डियों के दर्द में राहत देते हैं। इसके राइजोम का जूस एंटीसेप्टिक की तरह काम करता है और शरीर पर बने चोट के नीले निशान दूर करता है।
  3. यह स्वाद में कड़वा होता है इसलिए भूख बढ़ाता है।
  4. फूल का कड़वा स्वाद लिवर के स्वास्थ्य के लिए रामबाण माना गया है।
  5. इसका कड़वा स्वाद और औषधीय गुण मूत्र संक्रमण को दूर करने में सहायक होता है।

अपनी बालकनी में हमने आर्किड कैक्टस या नाईट क्वीन लगाया है और उसके फूलों को उसके पूरे रूप में खुलने का रोमांच का अनुभव किया हैं और यहाँ लिखे देखभाल के टिप्स और चित्र सब मेरे खुद का सुखद अनुभव का सार है।

और उत्तराखंड राज्य का राज्य पुष्प ब्रम्हकमल नीचे दिए चित्र में है जिसको बालकनी में नहीं लगाया जा सकता जैसे कि चित्र के पृष्ठभूमि से ही प्रतीत हो रहा कि इसको चट्टानी सतह और काफी ऊंचाई वाला वातावरण चाहिए। इसलिए आपको इसको देखने और जानने के लिए आपको पहाड़ो पर जाना पड़ेगा।

ब्रम्हकमल

अंत में एक और महत्वपूर्ण बात इन करिष्माई ब्रह्म कमल के बारे में यह भी हैं कि ब्रह्म कमल विलुप्तप्राय प्रजाति का पौधा है क्योंकि एक तो यह ऐसे ही बहुत कम मिलते हैं और जो हैं उनको भी इनके औषधीय गुण के कारण लोग बर्बाद कर देते हैं तो जितना हो सके हम सभी को इसका सरंक्षण करना चाहिए और प्रकृति के अनुपम सौंदर्य को एन्जॉय करें।

(आशा हैं आपको मेरा यह छोटा सा प्रयास इन फूलों को ब्लॉग के माध्यम से संरक्षित करने का पसंद आएगा। आपके सुझाव भी आमंत्रित हैं।)