दिल्ली-एक भ्रमण राष्ट्रीय राजधानी के 10 ऐतिहासिक स्थल
आज भी लोग अपनी महत्वता बताने के लिए यही बताते हैं की हमारी पहुँच दिल्ली तक है। हिंदुस्तान के दिल कहे जाने वाली दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश होने के साथ ही साथ पूरे भारत देश की शासन का केंद्र भी है। दिल्ली आज से नहीं पीढ़ियों से सत्ता का केंद्रबिंदु रही है यही कारण है की भारत पर राज ज़माने के लिए कई बार दिल्ली को उजाड़ा और बसाया गया । दिल्ली कई बार नष्ट होने के बावजूद हर बार एक नए उत्साह और उमंग से फिर अपनी रौनक बिखेरने लगती है। इस बनने बिगड़ने की यात्रा के कारण दिल्ली अपने अंदर नवीनता के साथ पुरातत्व को भी समेटे हुए है और इसी विभिन्नता ने इसका पुराई दिल्ली और नई दिल्ली दो तरह का विभाजन अपने आप ही कर दिया।
यातायात व्यवस्था
राजधानी होने की वजह से यहां से पुरे देश की कनेक्टिविटी बहुत अच्छी है। रेलमार्ग, रोडट्रिप या वायुमार्ग किसी भी तरीके से आप दिल्ली आसानी से पहुँच सकते हैं। दिल्ली के अंदर विश्व प्रसिद्ध मेट्रोट्रैन और मेट्रोबस दोनों की व्यवस्था है जो बजट के साथ ही साथ आपकी सुविधा का ध्यान रखती है।
भारत विविधता में एकता वाला देश कहा जाता है और उसका जीता जागता उदहारण दिल्ली है यहां सभी धर्म के लोग उनको मांनने वाले लोग और उनसे जुड़े धार्मिक स्थल साथ ही साथ तरह तरह के बाजार जिसमे सभी वर्ग के लोग अपने हिसाब से खरीददारी कर सकते हैं। वैसे तो दिल्ली प्रदूषण में भी पीछे नहीं है लेकिन फिर भी यहां आकर रहने वालों और यहां आकर घूमने वालों को कोई फर्क नहीं पड़ता । खाने पीने के की वैरायटी में भी यह बहुत तरह के ऑप्शन उपलब्ध हैं तो फूडी लोगों के लिए स्ट्रीट फ़ूड में भी दिल्ली वाकई धनी हैं।
राष्ट्रीय धरोहर
यहां घूमने के लिए भी बहुत सारे ऑप्शन उपलब्ध हैं सभी लोगो के पसंद के हिसाब से धार्मिक, पुराने समय के राजा महाराजाओं के किला और महल, बच्चों के लिए पार्क्स, हाट बाजार मेले सब कुछ आपको यहां मिल जाएगा। आज हम बात करेंगे दिल्ली के मशहूर ऐतिहासिक जगहों की जिनका इसके इतिहास में मुख्य योगदान हैं। तो आइये शुरुआत करते हैं भारत की पार्लियामेंट यानी संसद भवन से ।
1.पार्लियामेंट यानी संसद
भारत की संसद या पार्लियामेंट देश की सर्वोच्च निकाय है। यह नई दिल्ली में है। यहां राष्ट्रपति दोनों सदनों राजयसभा और लोकसभा को सुचारु रूप से चलाने की ज़िम्मेदारी बखूबी निभाते हैं।
2.राष्ट्रपति भवन
यह नई दिल्ली में संसद मार्ग पर स्थित है यहां से महज़ ७५० मीटर की दूरी पर राष्ट्रपतिभवन है जो देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति का आवास होता है। सुरक्षा की दृष्टि से इसको सबको देखने नहीं मिलता अगर आपको यह अंदर से जाकर देखना हो तो पहले से ऑनलाइन बुकिंग होती है। इंडिया गेट, वॉर मेमोरियल और प्रधानमंत्री आवास सब इसके आसपास ही है।
राष्ट्रपति भवन में ही एक बड़ा सुन्दर बगीचा है जिसको मुग़ल गार्डन भी कहा जाता है यह फरवरी महीने में आम जनता के लिए खुला होता है आप ऑनलाइन बुकिंग करके यहां जाकर घूम सकते हैं।
3.लाल किला
मुग़ल वास्तुकला का बड़ा ही नायाब नमूना लालकिला हमारे देश की शान आज भी है। हमारे देश के प्रधानमंत्री १५ अगस्त को झंडा यही फहराते हैं। लाल बलुआ पत्थर से बना यह किला दिल्ली आने वाले हर इंसान की पहली पसंद होती है और सभी लोग इसको ज़रूर देखना चाहते हैं। आपको यहां संग्रहालय भी मिलेगा एवं पारम्परिक हस्तशिल्प और सजावटी सामान आदि यहाँ के मीणा बाजार में आज भी मिलता है ऐसा माना जाता है की मुग़ल शासक अपनी रानियों के लिए ये मीणा बाजार किले के अंदर ही लगवाते थ। ताकि उन्हें अपनी ज़रूरत का हर सामान किले में ही मिल जाये।
4.पुराना किला
इस किले का निर्माण मुग़ल राजा शेरशाह सूरी द्वारा १५३८ में करवाया गया था। लगभग 5 मील में फैला यह किला इतिहास और वास्तुकला प्रेमियों के लिए स्वर्ग के सामान है। इसमें नौका विहार की व्यवस्था भी है। यह सप्ताह में सात दिन खुला रहता है और यहां प्रवेश के लिए कुछ शुल्क भी है तो यहां अनावश्यक भीड़ नहीं पाई जाती है।
5.इण्डिया गेट
राष्ट्रपति भवन के पास ही प्रथम विश्व युद्ध के शहीदों की याद में वॉर मेमोरियल बनाया गया है। इस पर शहीदों के नाम भी लिखे हुए हैं। यहां पर जलने वाली अमर जवान ज्योति हमें इस बात की याद दिलाती है की आज हम अपने परिवार के साथ सुरक्षित हैं क्यूंकि हमारी सीमाओं पर न जाने कितने वीर सिपाही सर्दी, गर्मी, बारिश, तूफ़ान की परवाह किये बिना ड्यूटी क्र रहे हैं और न जाने कितने ऐसे ही जांबाज़ वीरगति को प्राप्त हो गए।
6.क़ुतुब मीनार
कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा बनवाई गई यह ईमारत दिल्ली की खूबसूरती में चार चाँद लगाती है। यह ईरानी वास्तुकला का अनूठा उदहारण है और इसे ूनेस्को विश्व विरासत स्थल में शामिल किया गया है। इसके नज़दीक ही एक लौह स्तम्भ है जिसकी खूबसूरती यह है की इसमें आज तक जंग नहीं लगी जबकि यह एकदम खुले आसमान के नीचे सभी मौसम झेल रहा है।
7.लोधी गार्डन
लोधी पार्क को आज़ादी से पहले लेडी विलिंग्डन पार्क के नाम से जाना जाता था। यह सफदरजंग मकबरे और खान मार्किट के पास स्थित एक रमणीय पर्यटन उद्यान है। इस खूबसूरत लोधी पार्क में सैय्यद शासक मोहम्मद शाह और लोधी वंश के राजा सिकंदर लोधी की कब्रें बनी हुई हैं।
खूबसूरत वातावरण के साथ ही साथ यहां पर सुबह लोधी गार्डन सप्ताह में सातो दिन सुबह ६ बजे से शाम ७ब्ज़े तक खुला रहता है और सबसे खास बात की यहां कोई प्रवेश शुल्क नहीं लगता है। लोधी गार्डन ९०एकड के क्षेत्र में फैला काफी खूबसूरत पार्क है। शाम व्यायाम करने के लिए भी जगह बनी हुई है।
8.जंतर मंतर
संसद मार्ग पर ही नई दिल्ली के कनॉट सर्किल में स्थित एक विशाल वेधशाला है जिसका नाम है जंतर मंतर। वेधशाला प्रयोगशाला को ही कहा जता है। यहां पर समय और स्थान के साथ ग्रह चाल आदि पर पहले के वैज्ञानिक प्रयोग करते थे और आश्चर्य की बात है की तब इतनी तकनीकी ज्ञान नहीं होने के बावजूद उनके निष्कर्ष हमेशा सही रहते थे। ऐसी ही वेधशालाएं आपको जयपुर, उज्जैन, वाराणसी और मथुरा में भी मिलेंगी।
9.नेहरू तारामंडल
अगर आप बच्चो के साथ दिल्ली घूम रहे हैं तो तीन मूर्ति भवन में बने तारामंडल को देखे बिना आपकी दिल्ली यात्रा पूरी कही ही नहीं जा सकती। हमारे देश के प्रथम प्रधामंत्री की याद में उनकी बेटी और देश की एकलौती महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने विज्ञानं विषय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस तारा मंडल का निर्माण करवाया था। यहां जाकर ब्रम्हांड, तारों सितारों और खगोलीय घटनाओं से जुडी रोचक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
10.नेशनल रेल म्यूजियम
यह जगह बड़े, बच्चो सभी को आकर्षित करती है। यह हमारी रेल विरासत के अब तक के सफर को बखूबी सम्हाले हुए है। यहाँ पर आपको सभी तरह के रेल के मॉडल और उनकी कार्य करने की तकनीकी साथ ही बनावट की बारीकियां सभी कुछ मिल जाएगा। साथ ही खिलौना रेल की सवारी भी मन को लुभाती है।
दिल्ली अपने नाम के अनुरूप ही खूबसूरत और विशाल है तो उसका भ्रमण आप एक दिन में नहीं कर सकते वैसे ही एक ब्लॉग में यहां की खूबसूरती कैद नहीं की जा सकती इसलिए यहां के धार्मिक स्थलों और बच्चो के पार्क के बारे में जानने के लिए आपको मेरा अगला ब्लॉग ज़रूर देखना चाहिए।