बच्चों की 10 मूवीज़ जो बड़ों को भी अपने बचपन में ले जाए
आज जब कोरोना की वजह से चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है हर तरफ नेगेटिविटी फैली हुई है। सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनल सिर्फ डराने वाली ही खबरें दे रहे हैं।ऐसे में हमारे नन्हें मुन्ने सबसे ज्यादा परेशान हैं एक तो उनको पूरी तरह से घर में बंद कर दिया गया है न दोस्तों का साथ और न ही पार्क की मस्ती ऊपर से कब तक ऐसा रहने वाला किसी को नहीं पता।घर में भी वर्कलोड होने से पेरेंट्स भी उनको उतना टाइम नहीं दे पा रहे ऐसे में वो सिर्फ कार्टून देख देख कर एक अलग ही इमेजिनरी दुनिया में चले जा रहे हैं। आज ज़रूरत है उनको यथार्थ की धरातल पर लाने के साथ ही हम भी उनके साथ कुछ क्वालिटी टाइम बिताएं तो इस बार हम लाएं हैं कुछ बच्चों की मूवीज की लिस्ट जो उनको तो जीवन के वास्तविक पहलुओं से अवगत कराएगी ही साथ में हमें भी बहुत कुछ सोचने पर मजबूर करेगीं।
इस लिस्ट में सबसे पहले आती है भूत नाथ:
1.भूत नाथ
अमिताभ बच्चन और बाल कलाकार अमन सिद्दीकी(बंकू) के साथ जूही चावला स्टारर मूवी हॉरर और कॉमेडी का जबरदस्त तड़का लिए हुए है साथ में यह हमारे समाज़ की कड़वी सच्चाई को भी दिखाता है कि जो मां बाप हमारे लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर देते हैं बड़े होकर हम अपने सपने और अपनी लाइफ स्टाइल के आगे उन्हें बिल्कुल भूल जाते हैं और उनके बुढ़ापे में उन्हें बिल्कुल अकेला छोड़ देते हैं।
2.तारे ज़मीं पर
आमिर खान और दर्शील सफारी स्टारर मूवी एक 8 साल के बच्चे के इर्दगिर्द घूमती है जो एक गम्भीर बीमारी डिस्लेक्सिया से जूझ रहा है और उसके पेरेंट्स उससे नॉर्मल बच्चों की तरह ही रहने और अपने बड़े भाई की तरह हर चीज़ में अव्वल की उम्मीद लगाए बैठे हैं। उसकी समस्या समझते हैं उसी के स्कूल के आर्ट टीचर रामशंकर निकुंभ जो खुद उस बीमारी से जूझ चुके हैं और उस बच्चे की हर तरह से मदद करके उसको बाकी बच्चों के साथ या कहिये सबसे ऊपर लाकर खड़ा करते हैं।
लेकिन यहाँ मेरा सवाल ये है कि गुरु तो मान लीजिए भगवान होते ही हैं लेकिन हमारी प्रथम गुरु हमारी मां क्यों दुनिया की भेड़चाल में ही दौड़ती रही और उस बच्चे की समस्या क्यों नहीं समझ पाई।
3.बम बम बोले
दर्शील सफारी और ज़िया वास्तानी स्टारर मूवी वाकई रोमांचक है।
भाई बहन के आपसी प्यार को दिखाती ये खूबसूरत कहानी वाकई में सबका दिल जीत लेती है। लाख परेशानियों और गरीबी के बावजूद दोनों का प्यार कम नहीं होता। दोनों बच्चों की आपसी समझ और उनके माता पिता की संघर्ष कहानी।
4.धनक
यह कहानी भी दो छोटे भाई बहन के आपसी प्यार को दिखाती है जिसमें बच्चों के पेरेंट्स तो नहीं और भाई को दिखाई तो नहीं देता लेकिन उसके सपने बहुत बड़े हैं साथ ही बड़ी है उसकी जीभ.। बहन अपने भाई की आँखें वापस लाने के लिये जो संघर्ष करती है साथ ही बच्चा अपना सपना पूरा करने के लिये कितना कष्ट बर्दाश्त करता है पूरी फिल्म इसी के इर्दगिर्द घूमती है।
5.चिल्लर पार्टी
ये कहानी है कुछ बच्चों की जो अपने गरीब दोस्त और उसके पेट डॉग के लिए सोसाइटी, अपने पेरेंट्स और यहां तक की मंत्री से भी टकराने से नहीं डरते।
इसमें बहुत ही खूबसूरत तरीके से बच्चों के बचपन की मासूमियत को दिखाया गया है, साथ ही यह भी दिखाया गया है कि हम जैसे बड़े लोग जो हाई सोसाइटी और बड़ी बिल्डिंग में रहकर इंसानियत भी खो बैठे हैं और बच्चों की सही दलीलों को भी उनका बचपना समझकर या तो इग्नोर करते हैं या उन्हें डांटकर चुप करा देते हैं। लेकिन लास्ट में बच्चे सबका सपोर्ट भी पाते हैं और अपने दोस्त और उसके पेट डॉग का अधिकार भी।
6.स्टेनली का डब्बा
यह कहानी है स्टेनली नाम के एक होशियार बच्चे की जो किसी कारण से अपना टिफ़िन नहीं ला पाता और उसके क्लास मेट्स उसको अपने टिफिन में शेयर करते हैं लेकिन वो सब अपने हिंदी टीचर को अपना डिब्बा बिल्कुल भी शेयर नहीं करना चाहते। बच्चे अपने सर् से छुपकर स्टेनली से अपना डब्बा कैसे शेयर करते हैं पूरी फिल्म इसी पर आधारित है लास्ट में स्टेनली का डब्बा आ ही जाता है और स्टेनली का डब्बा न लाने का कारण ही फ़िल्म का सस्पेंस है जो लास्ट में पता चलता है।
7.जजनतरम ममतरम
गुलीवर और लिलिपुट की यात्राएं ऐसी कहानियां हैं जिनको हम सबने अपने बचपन में पढ़ी होंगी। ये मूवी भी उसी पर आधारित है इस फिल्म का हीरो आदित्य (जावेद जाफरी) अपनी जहाज़ टूट जाने के बाद एक द्वीप पर पहुँच जाता है जहाँ के प्राणी आदित्य की तुलना में काफी छोटे छोटे हैं और वो सब उसको शत्रु समझते हैं आदित्य कैसे सबका दोस्त बनता है और उनकी समस्याएं सुलझाता है यही फ़िल्म में दिखाया गया है।
8 कोई मिल गया
ऋतिक रोशन और प्रीती जिंटा के साथ ही रेखा स्टारर ये मूवी बच्चों के लिये काफी एंटेरटेनिंग है। इसमें ऋतिक रोशन ने दिमागी रूप से कमज़ोर बच्चे का रोल काफी दमदार तरीके से किया है साथ ही दूसरे ग्रह के प्राणी जादू का कॉन्सेप्ट भी बच्चों को काफी आकर्षित करता है। इसी मूवी के आगे के संस्करणों में हिंदी सिनेमा ने अपना सुपरहीरो कृष पाया।
9 आई एम कलाम
ये कहानी है राजस्थान के एक छोटे से बच्चे की जो बहुत गरीबी में अपना जीवन भी खुशी से जीने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन उसके सपने बहुत ऊंचे हैं और वो हमारे देश के राष्ट्रपति अब्दुल कलाम से काफी प्रभावित होने के बाद अपना नाम भी कलाम रख लिया और अपनी इसी ज़िद में एक दिन वह उनसे मिलता भी है। कहानी इन्हीं सब रोमांचक पलों से गुजरती है।
अनिल कपूर, श्रीदेवी और अमरीश पुरी स्टारर मूवी अपने आप में एक अनोखी कहानी थी। 1980’s के समय में तो इसने तहलका मचाकर रख दिया था और मुझे उम्मीद है अभी भी बच्चे इसको एन्जॉय ही करेंगें। वैज्ञानिक खोज के जादू को दिखाती यह मूवी तमाम अनाथ बच्चों को सहारा देने वाले इंसान अरुण (अनिल कपूर) के इर्दगिर्द घूमती हुई नजर आती है। अमरीश कपूर मोगाम्बो के रोल में वास्तविक खलनायक ही नज़र आते हैं। उनका एक डॉयलोग “मोगैम्बो खुश हुआ” बहुत ही पॉपुलर हुआ था।
आशा है इस लिस्ट की सभी मूवीज के साथ आप अपने बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताने के साथ ही उनको काफी ज्ञानप्रद बातें भी बिना ज्ञान दिए ही सीखा जाएंगे।