10 जून 2021 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा। भारतीय समयानुसार दोपहर 1.43 पर यह खगोलीय घटना होने वाली है जिसका असर शाम 6 बजकर 41 मिनट पर खत्म होगा। भारत में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा।ये ग्रहण मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया में आंशिक व उत्तरी कनाडा, ग्रीन लैंड और रूस में पूर्ण रूप से दिखाई देगा।
2021 का दूसरा सूर्यग्रहण 4 दिसंबर को दिखेगा।
क्या है सूर्यग्रहण
वैसे तो सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसमें चंद्रमा अपनी धुरी पर घूमते हुए सूर्य एवं पृथ्वी के बीच में आ जाता है और आंशिक या पूर्ण रूप से सूर्य को ढंक लेता है जिससे पृथ्वी पर उसकी छाया दिखाई देती है और पृथ्वी पर कुछ देर के लिए अंधेरा हो जाता है।
सूर्यग्रहण का धार्मिक पक्ष
सूर्य ग्रहण का अपना धार्मिक महत्व भी है। हमारे पुराणों के अनुसार राहु और केतु नाम के दो असुर हैं जो चन्द्रमा और सूर्य के आसपास ही रहते हैं तथा समय –समय पर राहु चंद्रमा को और केतु सूर्य को खाने की कोशिश करते हैं , वही चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण के रूप में सामने आता है। हालांकि इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है और जानकारी के अभाव में लोगों ने अपनी एक धारणा विकसित कर ली थी।
क्या करें क्या न करें और क्यों?
सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण के दौरान खाना , पीना , मल –मूत्र त्याग करना , सोना आदि वर्जित माना जाता है।हालांकि इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि ग्रहण के दौरान हानिकारक विकिरण निकलते हैं जिनके बैक्टीरिया खाने को खराब कर देते हैं और वो पाचनतंत्र में जाकर अनेक रोगों को भी आमंत्रित करते हैं। इस दौरान खाद्य पदार्थों जैसे दूध , सूखे अनाज इन सबमें कुश या तुलसी पत्ता रखने का रिवाज है जिससे सब बैक्टीरिया इसी में चिपक जाएं और ग्रहण के बाद उनको निकाल कर बाहर कर देना चाहिए।
ग्रहण के बाद स्नान आदि करने का भी रिवाज़ है ताकि इस दौरान जो भी हानिकारक विकिरण या बैक्टीरिया हमारे शरीर पर चिपकें वो साबुन और पानी में मिलके बह जाएं।
फिलहाल तो कोरोना नामक ग्रहण पूरी दुनिया पर ही लगा हुआ है इसलिए अपना और अपने परिवार को हानिकारक विकिरणों और बैक्टीरिया वायरस से सुरक्षित रखना हमारा प्रथम कर्तव्य है। सब खुश और स्वस्थ रहें यही ईश्वर से प्रार्थना है।
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