आमतौर पर हर भारतीय रसोईं में काले रंग का छोटा सा खुरदुरा मसाला जिसे हम काली मिर्च कहते हैं बड़े काम का है। यह सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाता बल्कि इसमें कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। वैसे तो सर्दी-खाँसी में हम सभी इसका इस्तेमाल करते हैं इसके अलावा कुछ और गुणों का भी ज़िक्र आज हम करेंगे।
काली मिर्च में विटामिन ए, सी, और सेलीनियम जैसे तत्व पाए जाते हैं जो संक्रमण से बचाते हैं और इम्युनिटी बूस्ट करने में मदद करते हैं।
फायदे
काली मिर्च कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है।
काली मिर्च पाचन में मदद करता है।
इसमें पिपरिन नामक तत्व होता है। यह सेरोटोनिन नामक रसायन स्रावित करता है जो मूड को ठीक करता है और तनाव कम करता है।
गुड़ के साथ काली मिर्च का सेवन करने से मेटाबोलिज्म बढ़ता है जो भूख बढ़ाने में मददगार है।
काली मिर्च सर्दी-जुकाम को ठीक करने में मदद करती है।
काली मिर्च का तेल त्वचा पर लगाने से शरीर को गर्माहट मिलती है जिससे रक्त संचार सुचारू रूप से होता है।
कोरोना आज के समय की मुख्य समस्या एवं एक गंभीर बीमारी है, जिसकी न तो कोई दवा है और न ही कोई उपचार, न कोई खास लक्षण और न ही कोई खास उपाय जिससे हम और आप इस बीमारी से बच पाएँ । लोगों से दूर रहना यानि सोशल डिस्टेंसिंग या यूँ कहिए कि एक तरह की समाधि ले लेना ही इसका एकमात्र उपाय है । यह एक वैश्विक महामारी घोषित हो चुकी है। हम इस पर दो-तीन चरणों में बात करेंगे इसलिए लगातार संपर्क में बने रहिए मेरे ब्लॉग्स के माध्यम से ।
कारण
सबसे पहले आइए हम जानते हैं कि कोरोना होता कैसे है?
कोरोना एक विषाणु (वायरस) जनित रोग है । कोरोना वायरस विषाणुओं का एक बड़ा समूह है, जो इंसानों में सामान्य जुकाम से लेकर श्वसन तंत्र की गंभीर समस्या तक पैदा कर सकता है। इसके अलावा कोरोना वायरस से कई और गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं। यह वायरस जानवरों से इंसानों तक पहुँचा यह शोध में सिद्ध हो चुका है। यह वायरस मुख एवं नाक के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश करता है और 3-4 दिनों तक हमारे गले में रहकर सर्वप्रथम अपनी संख्या बढ़ाता है। उसके पश्चात यह हमारे फेफड़ों की ओर बढ़ता है। इस प्रक्रिया के दौरान जब यह हमारे श्वासनली से होकर गुजरता है तो श्वासनली में सूजन आ जाती है, जिसकी वजह से फेफड़ों से वायु का आवागमन प्रभावित हो जाता है तथा व्यक्ति को साँस लेने में तकलीफ होने लगती है और वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है।
लक्षण
कोरोना बीमारी का मुख्य लक्षण सर्दी, सूखी खाँसी और बुखार ही है । शुरुआत इन्हीं लक्षणों से होती है, धीरे-धीरे यह भयावह रूप ले लेती है। कोरोना पॉजिटिव होने के कुछ लक्षण निम्न हैं –
1 – बुखार
2 – सूखी खाँसी
3 – ज्वाइंट पेन
4 – नाक बहना
5 – गले में खराश और दर्द
6 – थकान और उल्टी महसूस होना
7 – सिरदर्द
8 – निमोनिया
जैसे लक्षण कोरोना से सम्बन्धित हो सकते हैं, लेकिन यह ज़रूरी नहीं कि अगर ये लक्षण दिख रहे हैं तो कोरोना होगा ही। अभी तो कई ऐसे मरीज़ भी मिले हैं जिनके अन्दर इनमें से कुछ लक्षण दिखाई दिए लेकिन टेस्ट में कोरोना निगेटिव पाए गए।
बचाव
कोरोना के केस में अभी तक बचाव ही उपाय है क्योंकि अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है जो इसको ठीक कर सके। कुछ बचाव के तरीके निम्न हैं –
1 – कोरोना छूने से फैलने वाला रोग है तो कोशिश कीजिए कि लोगों से सम्पर्क कम से कम हो और बाहर की कोई वस्तु या किसी व्यक्ति को न छुएं क्योंकि हमें नहीं पता कौन व्यक्ति अथवा वस्तु संक्रमित है।
2 – वायरस एक लिपिड तत्व है (लिपिड प्राकृतिक रूप से बने अणु होते हैं, जिनमें वसा, मोम, स्टेरॉल, वसा-घुलनशील विटामिन जैसे विटामिन ए, डी, ई एवं के तथा मोनोग्लिसराइड, डाईग्लिसराइड, फॉस्फोलिपिड एवं अन्य आते हैं) जो अघुलनशील होता है, इसको साबुन से धुल सकते हैं । इसलिए बार-बार अपने हाथों को साबुन और पानी से धुलते रहें। जहाँ पानी न मिले वहाँ सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
3 – अपने हाथों से मुख एवं नाक को कदापि न छुएं अथवा हाथों को अच्छी तरह से साबुन और पानी से धोने के पश्चात ही स्पर्श करें।
4 – कोशिश करें कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट और पब्लिक प्लेसेस पर न जाएँ।
5 – मास्क और ग्लोव्स का उपयोग करें।
6 – कोरोना विषाणु है और विषाणुओं को बढ़ने के लिये ज़िंदा होस्ट (जीव-जन्तु एवं वनस्पति) की ज़रूरत होती है। किसी सतह या वस्तु पर ये कुछ घण्टों के लिये ही जीवित रह सकते हैं, इसलिए जब भी बाहर से कुछ लाएँ उसको बाहर ही कम से कम 10 घण्टे के लिये छोड़ दें जहाँ उसको कोई न छुए और अगर तुरंत प्रयोग करना है तो उसको साबुन के घोल से धोएं। इसके विपरीत खाने वाली वस्तुएँ जैसे सब्जी, फल आदि को गरम पानी अथवा पानी में थोड़ा सफेद सिरका डालकर धो लें।
7 – छींकते या खाँसते समय अपनी कोहनी का प्रयोग करें। सीधे हाथों का प्रयोग कदापि न करें।
8 – गरम पानी में नमक डालकर गरारे करें एवं गरम पानी ही पिएं और ठंडे पेय पदार्थों से परहेज करें।
9 – घर के बड़े-बुजुर्गों और 10 साल से कम उम्र के बच्चों का ज्यादा ध्यान रखें और ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर से सम्पर्क करें।
10 – कोरोना बीमारी श्वास से सम्बन्धित है तो अस्थमा के रोगी और धूम्रपान करने वाले लोग ज्यादा सावधानी बरतें और अगर हो सके तो धूम्रपान छोड़ने की कोशिश करें.. आखिर जान है तो जहान है।
11 – सबसे ज़रूरी बात घबराएँ नहीं क्योंकि कोरोना होना ही मौत की वज़ह नहीं है, इसमें मृत्यदर काफी कम है और बहुत से लोग इस बीमारी से ठीक होकर घर जा चुके हैं।
यह विषय काफी बड़ा है और एक ब्लॉग में सब लिखना सम्भव नहीं है, इसलिए हम अपने अगले ब्लॉग में भी इसी विषय को आगे बढ़ाएँगे। तब तक स्वस्थ रहें, मस्त रहें और सकुशल घर में रहें।
आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में जहाँ रुकना मना है वहीं लोग अपने लिए कोई समय नहीं निकाल रहे जिससे समय से पहले ही बहुत सी बीमारियों से घिर जा रहे।
इन सबसे बचने के लिये हमें अपनी शारीरिक गतिविधियों पर ज़रूर ध्यान देना चाहिए।उन्हीं गतिविधियों में से एक एरोबिक्स है।
एरोबिक व्यायाम एक शारीरिक गतिविधि है, जिसमें प्रत्येक अंग और कई मांसपेशियों का समूह एक साथ कार्य करते हैं। यह कार्डियोवैस्क्युलर एक्टिविटी होती है क्योंकि इसको करने से ऑक्सीजन तेज़ी से शरीर में अवशोषित होता है।
इसके विभिन्न प्रकार आपको फिट रहने में मदद करते हैं l रस्सी कूदना, डम्बल पुशअप, तैराकी, जॉगिंग, दौड़ना,स्टेपर पर स्क्वायर बनाना ये सब एरोबिक्स का ही हिस्सा है।
मैं खुद वीक में 5 दिन 1 घण्टे नियमित एरोबिक्स करती हूँ।
2 – स्टेमिना में वृध्दि होती है। जहाँ मैं पहले सीढ़ी चढ़ने और घर के कामों में थक जाती थी अब बाहर के और काम भी कर लेती हूँ।
3 – वज़न नियंत्रण l ये एक मुख्य कारण था मुझे एरोबिक्स तक ले जाने का और आप यकीन नहीं करेंगे मैंने 3 महीनों में 10 किलो वजन कम किया l पेट की चर्बी भी पिघल गई।
4 – एरोबिक्स से हमारे शरीर के विषैले पदार्थ निकल जाते हैं तो नई ऊर्जा मिलती है।
5 – शरीर में लचीलापन आ जाता है।
6 – पसीना बहाने के बाद त्वचा पर जो निखार आता है वह किसी सौंदर्य प्रसाधन से नहीं मिलता।
7 – तनाव छूमंतर हो जाता है l आज की जीवन शैली में तनाव एक गंभीर समस्या है।
8 – कोलेस्ट्रॉल लेवल नियंत्रित करता है।
9 – बहुत सी समस्याओं से अपने आप छुटकारा मिल जाता है जैसे कि थायराइड, घुटने के दर्द, मांसपेशियों की समस्या।
एरोबिक्स शरीर के प्रत्येक अंग पर अलग-अलग कार्य करता है और इसका परिणाम आप खुद देख सकते हैं नहीं तो आपके आसपास रहने वाले तो ज़रूर आपको बता देंगे l भले तारीफ हो या ईर्ष्या।