कोरोना

कोरोना महामारी. एक गुज़ारिश सबसे

unrecognizable little boys holding hands and walking on sandy seashore

 

आज जब पूरा विश्व ही कोरोना नामक महामारी से गम्भीर रूप से जूझ रहा है कोई भी इस से अछूता नही है। हर घर में कोई न कोई बीमार है और कई घरों में तो पूरा का पूरा परिवार ही बीमार है। ऐसे में घरों में रह रहे छोटे बच्चे की हालत वाकई चिंताजनक है। जब घर के बड़े ऐसी बीमारी से त्रस्त हों जिसमें सिर्फ छूने आसपास रहने से यह रोग होने का डर हो वैसे में छोटे बच्चों को कोरोना प्रोटोकॉल समझाना फॉलो करवाना बड़ा ही मुश्किल काम है।

आज जहाँ मानवता दम तोड़ रही है लोग बस अपनी जान बचाने में लगे हैं किसी को किसी से कोई खास फर्क नहीं पड़ता ऐसे में अगर आपके जानपहचान में या आसपास कोई कोरोना संक्रमित हो और उन्हें सिर्फ आपके दो मीठे बोल या सिर्फ हम हैं ना इतना सुनना ही इम्युनिटी बूस्टर का काम कर जाए। विशेषज्ञ भी यही कह रहे हैं कि लोग कोरोना की वजह से कम मर रहे उसके खौफ से ज्यादा मर रहे। अगर आपके जान पहचान में आसपास कोई संक्रमित है और उनके यहाँ कोई भी देखभाल के लिए नहीं है तो हो सके तो उनके खाने और दवाई की व्यवस्था अगर आप कर पाए तो यकीन मानिए की इससे बड़ी सहायता इस समय भगवान भी उनकी नहीं कर सकते। हां इन सबमें खुद को भी बचाना है तो खुद की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आएं।

कहीं पढ़ा था कि फांसी की सज़ा पाए हुए कैदियों को बोला गया कि उनको सांप से कटवाकर मारने की सज़ा दी जाएगी। उनके आंखों पर पट्टी बांध कर सिर्फ मामूली सी पिन चुभाई गई और उन कैदियों की मौत हो गई और बाद में जांच में उनके शरीर में जहरीले साँप के काटने जितना ज़हर पाया गया। अब सोचने वाली बात है कि यह ज़हर आया कहाँ से🤔  तो यह ज़हर हमारे खुद के शरीर ने डर की वज़ह से बना लिया। इसलिए बिना वजह परेशान और टेंशन न लें। अगर आपको खांसी, बुखार आ भी रहा तो फोन से डॉ से कंसल्ट करें और बिना रिपोर्ट का wait किये अपने आपको घर में ही आइसोलेट कर ले ताकि घर के बाकी लोग सेफ रहें। डॉ के सुझाव के अनुसार दवा और चेक अप करवाए और जितना हो सके आराम करें। breathing एक्सरसाइज़ भी करते रहें और साफ औऱ हवादार कमरें में रहें।

ऑक्सीजन और टेम्प्रेचर मोनिटर करते रहें । कोरोना से डेथ रेट अभी भी संक्रमित होने वालों की तुलना में बहुत कम है तो अपना ध्यान रखें और खुद को व्यस्त रखने की कोशिश करें हर तरफ की नेगेटिविटी से दूर रहने की कोशिश करें। न्यूज़ और सोशल मीडिया से एक दूरी बनाना ज्यादा बेहतर है। 

एक गुज़ारिश है सबसे ऐ दोस्त

हाल-ए-खबर रखना सबका

माना कि मुश्किल दौर है अभी

हो जाएगा ये भी खत्म एक दिन

सिर्फ दवा ही नहीं दुआएं भी ज़रूरी हैं

फिक्रमंद को बेफिक्री का अहसास भी ज़रूरी है

हर रात के बाद सुबह है आती

मन में ये विश्वास पक्का हो ये भी ज़रूरी है।

जंग जीत तो लेते हैं सभी

लेकिन उसमें अपनों का अहसास भी ज़रूरी है।

तन्हाई मुँह बाये अजगर सी खड़ी है

उससे कैसे है बचना वो भी ज़रूरी है।

 

योग से रहें निरोग

भारत में योग की परंपरा हज़ारों साल पुरानी है। योग आत्मा और शरीर के बीच सामंजस्य रखने का विज्ञान है। सन् 2015 से ही 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित करके सम्पूर्ण विश्व को योग के बारे में जागरूक करने की मुहिम चल रही।

21 जून को उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन होता है इसलिए योग दिवस 21 जून को ही मनाया जाता है।

योग शरीर के साथ-साथ मन को भी मज़बूत करता है। श्वसनतंत्र को मज़बूत करने में योग का महत्वपूर्ण योगदान होता है। ऐसे में जब सम्पूर्ण विश्व कोरोना नामक महामारी से जूझ रहा है, योग एक अच्छा विकल्प हो सकता है क्योंकि कोरोना भी श्वसन संबंधी बीमारी है।

योग कई प्रकार के होते हैं प्रत्येक अंग को ध्यान में रखते हुए योग क्रियाएँ विकसित की गई हैं लेकिन अगर आपने इससे पहले योग नहीं किया है तो योग शुरू करने से पहले कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें।

  1. योग करने के लिए सूर्योदय और सूर्यास्त का समय उपयुक्त होता है। वैसे तो योग किसी भी समय किया जा सकता है बशर्ते योग करने से 2 घण्टे पहले ही कुछ खाया हो। पेट खाली रहना अनिवार्य होता है योग शुरू करने से पहले।
  2. योग ज़मीन पर दरी या चटाई बिछाकर ही करना चाहिए और ज़मीन समतल होना चाहिए।
  3. शुरुआत में हो सकता है कि आपके शरीर में उतना लचीलापन और दृढ़ता न हो जितना योग की मुद्रा के लिए चाहिए तो शुरुआत आसान मुद्राओं से करें।
  4. योग के लिए शांत मन और एकाग्रचित्त होना बहुत ही ज़रूरी है।
  5. योग के लिए संयम और निरंतरता भी उतनी ही आवश्यक है। अगर पहली बार में कोई आसन नहीं बन रहा तो उसका निरंतर अभ्यास करते रहें, उसको छोड़ें नहीं।
  6. योग का परिणाम दूरगामी होता है उसका असर तुरन्त नहीं दिखता तो धैर्य बनाएं रखें।
  7. किसी एक्सपर्ट की निगरानी में और अपने शरीर के मेडिकल कंडीशन को ध्यान में रखकर ही योगाभ्यास करें नहीं तो उसके दुष्परिणाम भी मिल सकते हैं।
  8. सबका शरीर एक जैसा नहीं होता तो एक योग सबको एक जैसा परिणाम दे ऐसा भी सम्भव नहीं, इसलिए किसी की नकल से बचें।
  9. योग बच्चे, बूढ़े, जवान सभी के लिए उपयोगी है बस केवल कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

 

 

कोरोना… कारण, लक्षण और बचाव

 

कोरोना आज के समय की मुख्य समस्या एवं एक गंभीर बीमारी है, जिसकी न तो कोई दवा है और न ही कोई उपचार,  न कोई खास लक्षण और न ही कोई खास उपाय जिससे हम और आप इस बीमारी से बच पाएँ । लोगों से दूर रहना यानि सोशल डिस्टेंसिंग या यूँ कहिए कि एक तरह की समाधि ले लेना ही इसका एकमात्र उपाय है । यह एक वैश्विक महामारी घोषित हो चुकी है। हम इस पर दो-तीन चरणों में बात करेंगे इसलिए लगातार संपर्क में बने रहिए मेरे ब्लॉग्स के माध्यम से ।

कारण

सबसे पहले आइए हम जानते हैं कि कोरोना होता कैसे है?

 कोरोना एक विषाणु (वायरस) जनित रोग है । कोरोना वायरस विषाणुओं का एक बड़ा समूह है, जो इंसानों में सामान्य जुकाम से लेकर श्वसन तंत्र की गंभीर समस्या तक पैदा कर सकता है। इसके अलावा कोरोना वायरस से कई और गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं। यह वायरस जानवरों से इंसानों तक पहुँचा यह शोध में सिद्ध हो चुका है। यह वायरस मुख एवं नाक के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश करता है और 3-4 दिनों तक हमारे गले में रहकर सर्वप्रथम अपनी संख्या बढ़ाता है। उसके पश्चात यह हमारे फेफड़ों की ओर बढ़ता है। इस प्रक्रिया के दौरान जब यह हमारे श्वासनली से होकर गुजरता है तो श्वासनली में सूजन आ जाती है, जिसकी वजह से फेफड़ों से वायु का आवागमन प्रभावित हो जाता है तथा व्यक्ति को साँस लेने में तकलीफ होने लगती है और वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है।

लक्षण

कोरोना बीमारी का मुख्य लक्षण सर्दी, सूखी खाँसी और बुखार ही है । शुरुआत इन्हीं लक्षणों से होती है, धीरे-धीरे यह भयावह रूप ले लेती है। कोरोना पॉजिटिव होने के कुछ लक्षण निम्न हैं –

1 – बुखार

2 – सूखी खाँसी

3 – ज्वाइंट पेन

4 – नाक बहना

5 – गले में खराश और दर्द

6 – थकान और उल्टी महसूस होना

7 – सिरदर्द

8 – निमोनिया

जैसे लक्षण कोरोना से सम्बन्धित हो सकते हैं, लेकिन यह ज़रूरी नहीं कि अगर ये लक्षण दिख रहे हैं तो कोरोना होगा ही। अभी तो कई ऐसे मरीज़ भी मिले हैं जिनके अन्दर इनमें से कुछ लक्षण दिखाई दिए लेकिन टेस्ट में कोरोना निगेटिव पाए गए।

 

बचाव

कोरोना के केस में अभी तक बचाव ही उपाय है क्योंकि अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है जो इसको ठीक कर सके। कुछ बचाव के तरीके निम्न हैं –

1 – कोरोना छूने से फैलने वाला रोग है तो कोशिश कीजिए कि लोगों से सम्पर्क कम से कम हो और बाहर की कोई वस्तु या किसी व्यक्ति को न छुएं क्योंकि हमें नहीं पता कौन व्यक्ति अथवा वस्तु संक्रमित है।

2 – वायरस एक लिपिड तत्व है (लिपिड प्राकृतिक रूप से बने अणु होते हैं, जिनमें वसा, मोम, स्टेरॉल, वसा-घुलनशील विटामिन जैसे विटामिन ए, डी, ई एवं के तथा मोनोग्लिसराइड, डाईग्लिसराइड, फॉस्फोलिपिड एवं अन्य आते हैं) जो अघुलनशील होता है, इसको साबुन से धुल सकते हैं । इसलिए बार-बार अपने हाथों को साबुन और पानी से धुलते रहें। जहाँ पानी न मिले वहाँ सैनिटाइजर का प्रयोग करें।

3 – अपने हाथों से मुख एवं नाक को कदापि न छुएं अथवा हाथों को अच्छी तरह से साबुन और पानी से धोने के पश्चात ही स्पर्श करें।

4 – कोशिश करें कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट और पब्लिक प्लेसेस पर न जाएँ।

5 – मास्क और ग्लोव्स का उपयोग करें।

6 – कोरोना विषाणु है और विषाणुओं को बढ़ने के लिये ज़िंदा होस्ट (जीव-जन्तु एवं वनस्पति) की ज़रूरत होती है। किसी सतह या वस्तु पर ये कुछ घण्टों के लिये ही जीवित रह सकते हैं, इसलिए जब भी बाहर से कुछ लाएँ उसको बाहर ही कम से कम 10 घण्टे के लिये छोड़ दें जहाँ उसको कोई न छुए और अगर तुरंत प्रयोग करना है तो उसको साबुन के घोल से धोएं। इसके विपरीत खाने वाली वस्तुएँ जैसे सब्जी, फल आदि को गरम पानी अथवा पानी में थोड़ा सफेद सिरका डालकर धो लें।

 7 – छींकते या खाँसते समय अपनी कोहनी का प्रयोग करें। सीधे हाथों का प्रयोग कदापि न करें।

8 – गरम पानी में नमक डालकर गरारे करें एवं गरम पानी ही पिएं और ठंडे पेय पदार्थों से परहेज करें।

9 – घर के बड़े-बुजुर्गों और 10 साल से कम उम्र के बच्चों का ज्यादा ध्यान रखें और ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर से सम्पर्क करें।

10 – कोरोना बीमारी श्वास से सम्बन्धित है तो अस्थमा के रोगी और धूम्रपान करने वाले लोग ज्यादा सावधानी बरतें और अगर हो सके तो धूम्रपान छोड़ने की कोशिश करें.. आखिर जान है तो जहान है।

11 – सबसे ज़रूरी बात घबराएँ नहीं क्योंकि कोरोना होना ही मौत की वज़ह नहीं है, इसमें मृत्यदर काफी कम है और बहुत से लोग इस बीमारी से ठीक होकर घर जा चुके हैं।

यह विषय काफी बड़ा है और एक ब्लॉग में सब लिखना सम्भव नहीं है, इसलिए हम अपने अगले ब्लॉग में भी इसी विषय को आगे बढ़ाएँगे। तब तक स्वस्थ रहें, मस्त रहें और सकुशल घर में रहें।