हल्दी..फायदे और नुकसान
आमतौर पर हर भारतीय रसोई में मिलने वाला पीले रंग का पाउडर जिसको हम हल्दी कहते हैं एक भारतीय वनस्पति है।यह अदरक की प्रजाति का 5-6 फुट तक बढ़ने वाला पौधा है जिसमें जड़ की गाठों में हल्दी मिलती है।औषधि ग्रंथों में इसे हल्दी के अतिरिक्त हरिद्रा, कुरकुमा लौंगा, वरवर्णिनी, गौरी, क्रिमिघ्ना योशितप्रीया, हट्टविलासनी, हरदल, कुमकुम नाम दिए गए हैं।आयुर्वेद में हल्दी को एक महत्वपूर्ण औषधि कहा गया है।
- लैटिन नाम : करकुमा लौंगा (Curcuma longa)
- अंग्रेजी नाम : टर्मरिक (Turmeric)
- पारिवारिक नाम : जिन्जिबरऐसे
हल्दी के कुछ मुख्य गुण:-
हल्दी में जीवाणुओं को मारने की अद्भुत क्षमता होती है, इसलिए इसको जीवाणुरोधी (Antibacterial) भी कहते हैं।यह सूजन रोधी (Anti inflammatory) और Antiseptic भी होती है।
हल्दी में पाए जाने वाले तत्व:-
हल्दी में एक विशेष प्रकार का उड़नशील तेल होता है जिसकी मात्रा 5.8% होती है।इसमें करक्यूमिन नामक पीत रंजक द्रव्य पाया जाता है,इसी की वजह से हल्दी का रंग पीला होता है।यह द्रव्य कैंसर कोशिकाओं पर जबरदस्त असर दिखाता है एवं रक्त की धमनियों में एकत्र कोलेस्ट्रॉल को घोलने की क्षमता रखता है।इसके अतिरिक्त हल्दी में विटामिन ए, प्रोटीन 6.3%, कार्बोहाइड्रेट 69.4% और खनिज तत्व 3.5% मात्रा में होते हैं।
हल्दी के फायदे:-
- इसको गर्म दूध में मिलाकर पीने से दर्द से निजात मिलती है चाहे जिस प्रकार का दर्द हो।
- दूध में हल्दी मिलाकर पीने से इम्युनिटी बढ़ती है साथ ही साथ शरीर में जमा चर्बी भी पिघलती है।
- हल्दी हमारे लिवर को फिट रखने में मदद करती है और हमारे शरीर को डिटॉक्स करती है।
- हल्दी गठिया रोगियों के लिए भी लाभकारी है।
- अभी खोज में पाया गया कि हल्दी कैंसर के उपचार में भी लाभदायक है।
- जैसा कि विदित है कि हल्दी की तासीर गर्म होती है तो उचित मात्रा में और सही तरीके से न ली जाए तो नुकसान भी करती है।
- हल्दी त्वचा सम्बन्धित उपचार में भी उपयोगी है।
- हल्दी सर्दी-जुकाम में भी काफी लाभकारी है।
हल्दी के नुकसान:-
सिर्फ प्राकृतिक और औषधीय गुणों से युक्त होना ही यह साबित नहीं करता कि यह पूरी तरह सुरक्षित है।गर्भवती महिलाओं एवं गॉल ब्लेडर / किडनी स्टोन वालों को हल्दी बहुत सावधानी से उपयोग करना चाहिए..
कई मामलों में हल्दी में उपस्थित ऑक्सलेट, पथरी का मुख्य कारण पाया गया है।