स्वस्थ्य किचन : इन्हें किचन से रखें दूर रहें और स्वस्थ्य रहे भरपूर

आजकल की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में जहाँ थककर बैठना भी मना हो, क्या आपको पता है कि हम अनजाने में ही कई ऐसे बीमारियों का शिकार हो जा रहें हैं जो ज्यादातर हमारे गलत खान पान या किचन से सम्बंधित गलत आदतों से होती हैं। ऐसे में अगर आप गलती से भी बीमार पड़ जाए या भगवान न करें कोई लाइलाज बीमारी आपको हो जाए तो आप सपने में भी नहीं सोच सकते कि आपका और आपके परिवार का क्या हाल होगा । तो आज हम उन्हीं कुछ बुरी आदतों को समझते हैं और कोशिश करते हैं कि जिन परिस्थितियों को हम सपनें में भी नहीं देखना चाहते उनसे रियल लाइफ में कैसे कोसो दूर रखें।

जब हम अपने किचन में देखते हैं तो पाते हैं कि हम लाख कोशिश कर लें लेकिन कुछ चीजें जैसे प्लास्टिक, नॉनस्टिक बर्तन, ऐलुमिनियम के बर्तन ऐसे उदाहरण हैं जो चाहें न चाहे हमारे मोड्यूलर किचन का हिस्सा बन गए हैं लेकिन हमें इनका विकल्प जल्द से जल्द ढूढ़ लेना चाहिए नहीं तो वो दिन दूर नहीं जब थाइरोइड, PCOD, कैंसर जैसी घातक बीमारियां हमारे सामने मुँह बाए खड़ी होंगी। आज की परिस्थितियों को देखते हुए, अपने लेख द्वारा इसके कुछ उदाहरण आज हम लाए है :

1. पॉलीथिन का प्रयोग बंद करें खासकर खाने पीने की चीजों के लिए। पॉलीथिन बनता है PVC मतलब Polyvenylechloride जो गर्म चीजों के सम्पर्क में आने पर हानिकारक विकिरण निकालता है। इसकी जगह पे हमें वुडेन बॉक्सेस, स्टेनलेस स्टील कंटेनर्स इस्तेमाल करने चाहिए।

वैसे आजकल पत्तों को प्रेस क़रके बनए गये डिस्पोजल प्लेट्स और कटोरी भी काफी फेमस होते जां रहे हैं जों use and throw purpose क़े लिये प्लास्टिक का अच्छा विकल्प हैं और environment friendly भी हैं ।

2.ऐलुमिनियम फॉयल को न करे। क्या आपको पता है कि ऐलुमिनियम फॉयल में गर्म चीजें रखने से गर्म चीजें उससे रिएक्शन करके ज़हरीली गैस निकालते हैं और साथ ही साथ ये decompose भी नहीं होते तो एनवायरनमेंट को भी नुकसान पहुंचाते हैं।इसकी जगह पे हमें बटर पेपर या cedar wrap, Beeswax food wrap, सिलिकॉन फ़ूड covers इस्तेमाल कर सकते हैं ।

3.स्टेनलेस स्टील बर्तन इस्तेमाल करें अलुमिनियम के बर्तन की जगह- ऐलुमिनियम के बर्तन हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं हालांकि ये सस्ते तो होते हैं लेकिन लगातार प्रयोग से ये घिसते हैं और इनसे निकलने वाला तत्व खाने के साथ हमारे शरीर के अंदर जाता है जोकि स्लो पाइजन का काम करता है और हमें तमाम तरह की बीमारियों से ग्रसित करता है। क्या आपको पता है कि ऐलुमिनियम के बर्तनों का इस्तेमाल अंग्रेजों ने कैदियों को खाना देने के लिए किया था ताकि इन बर्तनों से निकलने वाले धीमे ज़हर से आहिस्ता आहिस्ता कैदी खुद ही मर जाए।

4.नॉनस्टिक का इस्तेमाल तुरंत बंद करें ।  90% घरों में आजकल नॉनस्टिक बर्तन इस्तेमाल होते हैं । नॉनस्टिक बर्तनों की कोटिंग polytetrafluoroethylene (PTFE) से की जाती है जो गर्म होने पर कई हानिकारक गैसें निकालता है जिनसे हम आजीवन बीमार रह सकते हैं। इसकी जगह पे हमें कास्ट आयरन के बरतन का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि हमें खाने के साथ आयरन की भी पर्याप्त मात्रा मिलती रहे।

5.पीतल और कांसे के बरतन भी खाना बनाने और खाने के उपयोग में लाए जा सकते हैं लेकिन जैसा कि सबको ही मालूम है एसिडिक चीजों यानी खट्टी चीजों से ये दोनों ही धातुएँ रिएक्शन करके हानिकारक पदार्थ निकालती हैं तो ऐसे बरतनों का उपयोग करते समय ये ध्यान रखना पड़ता है।

वैसे तो प्राचीन काल में राजा महाराजा लोग खाने पीने के लिये सोने और चाँदी के बर्तन इस्तेमाल करते थे क्योंकि ऐसा माना जाता था कि सोने के बर्तन में खाने से सोने का अंश हमारे शरीर में जाता है जो हमारी बौद्धिक क्षमता को तेज करता है और चाँदी मन की शीतलता लाती है ये बर्तन वैसे आज भी सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं लेकिन जब हम सोने चाँदी के बर्तन में खाने योग्य बजट रखें तब क्या बात है।

 

ऐसे में हमारे लिए मिट्टी के बर्तन अगर उपलब्ध हों तो हमारे लिए बड़े काम के होते हैं इनमें खाना भी धीरे धीरे पकता है जोकि स्वास्थ्य के हिसाब से श्रेष्ठ प्रक्रिया होती है।

तो हमे जल्दी से जल्दी अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य के लिए इन बुरी आदतों को बदलना चाहियें और आने वाले त्योहार जैसे धंनतेर्स और दीपावली से अच्छे मौके क्या हो सकते हैं। (Can buy directly from AMAZON by clicking on image links)