प्रोटीन

स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ खान-पान के कुछ आसान टिप्स

अभी ऐसा समय चल रहा है जिसमें लगभग सबको ही ये अहसास हो गया है कि स्वस्थ रहने के लिए स्वास्थ्यवर्धक खाना वो भी जितना संभव हो घर में पका हुआ, हेल्दी लाइफस्टाइल, कुछ फिजिकल एक्सरसाइज और अपना घर एवं अपनी मिट्टी ही अंत तक साथ देती है, बाकी सब मोह माया है।

आज ये समझ में गया कि बिना शॉपिंग मॉल गए, बिना बाहर का खाना खाए और बिना जिम में पसीना बहाए, बिना थिएटर गए भी हम खुशीखुशी ज़िंदा रह सकते हैं और अपना समय और पैसा दोनो बचा सकते हैं।

 
 

 

 
 
 

आज हम कुछ ऐसे आसान टिप्स की चर्चा करेंगे जिनको इस्तेमाल करके हम अपने घर के खाने को हेल्दी और टेस्टी बना सकते हैं।

हम सभी जानते हैं कि सलाद स्वास्थ्य वर्धक होता है लेकिन उसको क्रीम, स्पाइस और चाट मसाला पाउडर डालकर हम उसकी वैल्यू कम कर देते हैं। इसलिए कोशिश करिए सलाद सिर्फ ओलिव ऑयल और काली मिर्च के साथ बहुत हल्का नमक डालकर ही ड्रेसिंग करें तभी वास्तव में यह हेल्दी ऑप्शन होगा।

बादाम फाइबर एवं प्रोटीन युक्त ड्राई फ्रूट है जो दिमाग को तेज रखने में मदद करता है। इसको कुछ घण्टे पानी में भिगोकर उसका छिलका उतारकर प्रयोग करने से ये उत्तम परिणाम देता है।

शाकाहारी भोजन सर्वोत्तम माना गया है। अगर आप मांसाहारी भी हैं तब भी कोशिश करें कि सप्ताह में 4 दिन शाकाहारी भोजन लें।

अगर आप मशरूम खाते हैं तो उसको अच्छे से पकाकर ही खाएं ताकि उसमें जो हानिकारक तत्व हों वह निकल जाएं।

कैल्शियम हमारी हड्डियों के लिए बहुत ही ज़रूरी है इसलिए अपने रोज़ के खाने में कैल्शियम युक्त भोजन जैसे दूध, दही, छांछ, पनीर और घी ज़रूर लें।

हरी सब्जियां आसानी से उपलब्ध और सभी स्वास्थ्य वर्धक गुणों से भरपूर होती हैं इसलिए रोज़ के खाने में इसे ज़रूर शामिल करें।

फल भी पोषण से भरपूर प्राकृतिक उपहार हैं उनको ऐसे खा पाएं तो स्मूथी या फ्रूट चाट भी अच्छा विकल्प हो सकता है।

घर पर आटे से बना और सब्जियों से भरपूर पिज़्ज़ा भी आपको कुछ टेस्ट चेंज करने के साथ हेल्दी रखने में मदद करेगा।

अगर ब्रेड उपयोग करना ही हो तो आटा ब्रेड का उपयोग करें।

मैदे और रसायन युक्त खाने से जितना हो सके परहेज़ रखें।

प्रोटीन के लिए मीट ही ज़रूरी नहीं है शाकाहारी भोजन में भी दाल, राज़मा, बीन्स और चना जैसे ढेरों ऑप्शन मिल जाएंगे।

आप अपना एक कदम हेल्दी खाने की तरफ बढ़ाएंगे तो आप उसके कई फायदे खुद देखेंगे। इन फायदों में निखरी त्वचा, पाचन में आसानी और चैन की नींद मुख्य हैं।

 

क्या करें जब बच्चा दूध पीने में करे आनाकानी

दूध हमारे शरीर के लिए कितना ज़रूरी है ये हम सब बहुत अच्छी तरह जानते हैं कोई भी इसके फायदे आसानी से गिना सकता है। यह अपने आप में एक संपूर्ण आहार होता है। शुरुआत में 6 महीने तो बच्चा माँ के दूध पर ही निर्भर रहता है। धीरेधीरे ठोस आहार शुरू होता है और शुरू होते हैं बच्चों के दूध पीने के हज़ार बहाने। हम आज दूध के पोषण विषय पर बात भी नहीं कर रहे हम तो इस विषय पर बात कर रहे कि सब कुछ जानते हुए भी हम अपने नन्हें मुन्नों को इसका पोषण कैसे दें। आज की पीढ़ी जो पिज़्ज़ा बर्गर से ऊपर ही नहीं उठ पा रही उनको हम हेल्दी खाना कैसे दें विशेष तौर पर दूध जिसको देखते ही बच्चे मुँह बना लेते हैं। जिनके आहार में प्रोटीन के और विकल्प हैं जैसे मीट, अंडा आदि। उनका तो फिर भी ठीक है लेकिन जो शुद्ध शाकाहारी हैं और जिनके बच्चे दूध में भी नाटक करें ऐसे बच्चों को संपूर्ण आहार देना नई माताओं की सबसे बड़ी समस्या है और मैं भी इस समस्या से अछूती नहीं हूँ। मेरे भी 2 बच्चे हैं और मेरा आधे से ज्यादा समय अपना खाने का मेनू डिसाइड करने में ही चला जाता है, कि ऐसा क्या बनाया जाए जिसमें सभी पौष्टिक तत्व भी मिल जाएं और बच्चे आसानी से खत्म भी कर लें।

अगर आपका बच्चा भी खानेपीने में ऐसे ही नाटक करता है और आप परेशान हैं कि ऐसे में उसका नैसर्गिक विकास कैसे होगा तो कुछ बातों का ध्यान रखें आप देखेंगे कि कुछ दिनों में ही फर्क पड़ रहा और बच्चा खाने में रुचि ले रहा है।

1 – अगर बच्चा सीधे दूध नहीं पी रहा तो दूध के प्रोडक्ट्स जैसे दही, पनीर, छांछ, लस्सी ट्राई करके देखिए हो सकता है बच्चे को ये चीजें ज्यादा पसंद आएं। आपको माथापच्ची भी करनी पड़े और दूध का पोषण भी मिल जाए।

2 – खाने में वेरिएशन ले आएं। एक ही प्रकार का खाना खाकर कोई भी उकता जाता है। दूध से कई मिठाइयां भी बनती हैं। अगर आपके बच्चे को मीठा ज्यादा पसंद हो तो आप वो भी ट्राई कर सकती हैं।

3 – बाजार में कई तरह के खाद्य पदार्थ उपलब्ध हैं जो दावा करते हैं कि उनको दूध में मिला लेने से दूध का पूरा पोषण मिल जाता है। उनके दावे में कितनी सच्चाई है मुझे ये तो नहीं मालूम लेकिन वो दूध का स्वाद ज़रूर बदल देते हैं और कई बच्चे तो अपनी मनपसंद रंग और स्वाद देखकर ही पूरा दूध खत्म कर लेते हैं जो पहले दूध की तरफ देखना भी नहीं चाहते थे।

4 – एक बार में ही एक गिलास दूध खत्म करवाने के बजाय आधाआधा गिलास करके 2,3 बार में दें।

5 – कभीकभी बच्चों को शामिल करके खाना बनाने या उसके इंग्रिडिएंट्स के फायदे नुकसान बताते रहें, जिससे उसको खाने में मिलने वाले पोषक तत्व की जानकारी मिलती रहे।