भारत का दक्षिणी छोर कन्याकुमारी

कन्याकुमारी का नाम सुनते ही आपके दिमाग में क्या आता है ये तो नहीं पता लेकिन मेरे दिमाग में समंदर की हंसी लहरों के बीच सूर्योदय और सूर्यास्त की चाय और वो सुकून जिसके लिए हम दिल्ली जैसे महानगर में तरस से गए थे। और यकीन मानिये हमारी ये यात्रा हमारे लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित हुई।

कन्याकुमारी तमिलनाडु राज्य के सुदूर दक्षिण में बसा एक शहर है जो पर्यटन के लिए बहुत लोकप्रिय है। भारत के सबसे दक्षिण छोर पर बसा कन्याकुमारी भारत के आकर्षक स्थल में शामिल है। यह हिन्द महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का संगम स्थल है, जिसकी मनोरम छटा पर्यटकों को यहां खींच लाती है। भारत के सबसे दक्षिणी छोर पर बसा कन्याकुमारी शहर सदियों से कला, संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक रहा है। भारत के पर्यटक स्थल के रूप में भी इसका अपना ही महत्च है।

हमलोग ज्यादातर माता पार्वती को माँ के रूप में ही पूजते हैं लेकिन माता का रूप कन्या के रूप में पूजा जाता है। बाणासुर नामक असुर ये वरदान लिया था की उसका वध कन्या के हाथों हो और इसी वजह से माँ को आजीवन कन्या रूप में ही रहना पड़ा।

हमने रामेश्वरम दर्शन के साथ ही कन्याकुमारी और मदुरै मिनाक्षी देवी दर्शन एक साथ ही प्लान किया था और तीनों शहर तमिलनाडु राज्य में होने की वजह से ज्यादातर लोग ऐसे ही प्लान करते हैं और वाया रोड ही प्राकृतिक दृश्यों को आँखों में कैद करते हुए चैन की साँस लेते हुए जो सुकून मिला वो शब्दों में नहीं लिखा जा सकता

दूर-दूर तक फैले समुद्र के विशाल लहरों के बीच कन्याकुमारी का सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा बेहद आकर्षक लगता हैं। समुद्र बीच पर फैली रंग बिरंगी रेतें इसकी सुंदरता में को अत्यधिक लुभावनी बना देती हैं। अगर आप कन्याकुमारी की सैर करने की योजना बना रहे हैं तो हम आपको बताने जा रहे हैं कि कन्याकुमारी में देखने योग्य कौन कौन से पर्यटन स्थल हैं।

1. कन्याकुमारी बीच देखने योग्य पर्यटन स्थल

कन्याकुमारी बीच सैर सपाटा करने के अलावा एक धार्मिक स्थल भी है जो प्रायद्वीपीय भारत के सबसे दक्षिणी सिरे पर स्थित है। कन्याकुमारी समुद्र  तट पर सूर्यउदय (sun rise) और सूर्यास्त (sun set) का नजारा अद्भुत होता है। इसे देखने के लिए विशेषरूप से चैत्र पूर्णिमा(अप्रैल माह की पूर्णिमा) पर लोगों की भारी भीड़  लगती है। कन्याकुमारी बीच एक चट्टानी समुद्र तट है और इस समुद्र में तीन सागरों अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर का जल मिलता है। यह बीच रंग बिरंगी और मुलायम रेतों के लिए प्रसिद्ध है।

 

 कन्याकुमारी मंदिर लोगों के आकर्षण का केंद्र –

 

कन्याकुमारी मंदिर इस शहर का मुख्य आकर्षण है। इसे कन्याकुमारी भगवतीअम्मन (Kanyakumari Bhagavathiamman) मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। कुमारी अम्मन मंदिर मूल रूप से 8 वीं शताब्दी में पंड्या राजवंश के राजाओं द्वारा बनाया गया था। बाद में इसे चोल, विजयनगर और नायक शासकों द्वारा पुनर्निर्मित किया गया था। किंवदंतियों के अनुसार, देवी कन्याकुमारी और भगवान शिव के बीच विवाह नहीं हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप देवी ने कुंवारी रहने का दृढ़ संकल्प लिया था। ऐसा माना जाता है कि शादी के लिए जो चावल और अनाज थे, वे बिना पके रह गए और वे पत्थरों में बदल गए। अनाज से मिलते जुलते पत्थर आज भी देखे जा सकते हैं।

 कन्याकुमारी का मुख्य पर्यटन स्थल विवेकानन्द स्मारक शिला

कन्याकुमारी भारत आकर्षक स्थल विवेकानन्द स्मारक शिला, रामकृष्ण मिशन के संस्थापक श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य, स्वामी विवेकानंद को समर्पित है। विवेकानंद रॉक मेमोरियल 1963 और 1970 के बीच लाल और नीले ग्रेनाइट में बनाया गया था। विवेकानंद रॉक मेमोरियल में दो मुख्य संरचनाएँ हैं – विवेकानंद मंडपम और श्रीपाद मंडपम। श्रीपाद मंडपम, श्रीपाद पराई( Shripada Parai) पर स्थित है जिसके ऊपर कन्याकुमारी देवी का पदचिह्न है। माना जाता है कि स्वामी विवेकानंद यहां मेडिटेशन करते थे।

विवेकानंद रॉक मेमोरियल का प्रवेश शुल्क और समयविवेकानंद मेमोरियल रॉक का प्रवेश शुल्क प्रति व्यक्ति 20 रुपये है। इसके अलावा, मुख्य भूमि से चट्टानों तक की फेरी का शुल्क प्रति व्यक्ति केवल 50 रुपये है। यदि आप फेरी बुकिंग में कतार से बचना चाहते हैं, तो आप 200 रुपये प्रति व्यक्ति का विशेष टिकट खरीद सकते हैं जिसमें कोई प्रतीक्षा समय नहीं है।

विवेकानंद रॉक मेमोरियल के खुलने का समय सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक है।विवेकानंद रॉक मेमोरियल, कन्याकुमारी तक पहुंचनाविवेकानंद रॉक मेमोरियल तक पहुंचना कोई कठिन कार्य नहीं है क्योंकि यह जमीन से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। वहाँ कई फेरी सेवाएँ हैं जो द्वीप और मुख्य भूमि के बीच न्यूनतम शुल्क पर चलती हैं। फेरी सेवाएँ सामान्यतः सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक संचालित होती हैं।एक और लोकप्रिय पर्यटन स्थल, संत थिरुवल्लुवर की प्रतिमा महान तमिल कवि संत थिरुवल्लुवर को समर्पित है, जो भी पास में स्थित है। विवेकानंद रॉक मेमोरियल के लिए फेरी सेवा थिरुवल्लुवर की प्रतिमा पर थोड़ी देर रुकती है और पर्यटक अक्सर दोनों जगहों पर जाने का संयोजन करते हैं।

 

 कन्याकुमारी में घूमने लायक जगह पद्मानाभपुरम महल –

कन्याकुमारी का पद्मनाभपुरम पैलेस तमिलनाडु के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। पद्मनाभपुरम पैलेस, कन्याकुमारी जिले के पद्मनाभपुरम गाँव में, ठाकले के पास, नागरकोइल से लगभग 15 किमी और तिरुवनंतपुरम से 55 किमी की दूरी पर स्थित है। पद्मनाभपुरम पैलेस दुनिया के शीर्ष दस महलों में से एक है। पद्मनाभपुरम पैलेस 6 एकड़ में फैला है और पश्चिमी घाट के वेलि हिल्स की तलहटी में स्थित है। पद्मनाभपुरम पैलेस ज्यादातर लकड़ी से बना है जो केरल की पारंपरिक वास्तुकला शैली को प्रदर्शित करता है। जब भी आप कन्याकुमारी में घूमने आयें तो इसे जरुर देखें।

यहां आकर उस समय की वस्तु कला शैली की अनूठी पेशकश से हम वास्तव में स्तब्ध थे। यहां आकर पता चला यहां स्त्रीसत्ता ही चलती थी और यहां के नरेश ने खुद विवाह नहीं किया था तो उनके बाद यहां की सत्ता उनकी बहन और भांजे के हाथ में चली गई।
महल बहुत बड़ा है और आपको बीच में कही विश्राम के लिए बैठने की अनुमति नहीं है तो आपके साथ अगर बुजुर्ग या ऐसे लोग हैं जो ज्यादा चल नहीं सकते उनका टिकट न ही लें तो ज्यादा अच्छा है बाहर स्क्रीन पर भी पूरा महल दिखाया जाता है उसके द्वारा भी विजूअल भ्रमण किया जा सकता है। चूँकि यह तमिलनाडु पर्यटन के अंदर आता है तो यहां प्रवेश शुल्क 50 rs प्रति व्यक्ति है।

थिरपराप्पू वॉटरफॉल

थिरपराप्पू जलप्रपात कोड्यार नदी से निकला हुआ है और यह एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट है यह कन्याकुमारी से लगभग 50 km दूर है और बस या टैक्सी से यहां आराम से पहुंचा जा सकता है। यहां पुरुषो और महिलाओं के स्नान के लिए अलग अलग स्पॉट बनाए गए हैं जो स्त्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से एक अच्छी व्यवस्था है। साफ सफाई की भी समुचित व्यवस्था है साथ ही साथ बोटिंग के लिए भी अच्छा इंतज़ाम मिलेगा।

 

माथुर हैंगिंग ब्रिज

कन्याकुमारी ट्रिप का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माथुर हैंगिंग ब्रिज है जो 115 feet की ऊंचाई पर 1 km की लम्बाई के साथ है यह एशिया का सबसे लम्बा हैंगिंग ब्रिज माना जाता है यहां से नीचे का दृश्य अत्यंत मनोरम और साँस रोक देने वाला है कुछ देर के लिए आप सब कुछ भूल सकते हैं।

 

 कन्याकुमारी कब जाएँ

कन्याकुमारी जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च है

. कन्याकुमारी कैसे पहुंचे –

कन्याकुमारी का सबसे निकटतम हवाई अड्डा त्रिवेंद्रम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो कन्याकुमारी से 67 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भारत के प्रमुख शहरों के साथ कुछ खाड़ी देशों से भी वायुमार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा है। इस हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए भारत की कई प्रमुख एयरलाइंस सुविधा मौजूद है। इसके अलावा कन्याकुमारी के लिए तमिलनाडु, चेन्नई,त्रिवेंद्रम और बैंगलोर से कन्याकुमारी रोड ट्रांसपोर्ट की कई बसें चलती हैं जिसके माध्यम से आप यहां पहुंच सकते हैं। इसके साथ ही आप मुंबई और बैंगलोर से कन्याकुमारी एक्सप्रेस से भी यहां आ सकते हैं। कन्याकुमारी एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है जहां पहुंचने के बाद आप कन्याकुमारी शहर जाने के लिए टैक्सी ले सकते हैं।

 

कन्याकुमारी भ्रमण के बाद हम निकले तिरुअनंतपुरम के लिए और वहां की जानकारी के लिए आपको मेरा नेक्स्ट ब्लॉग आपको जरूर देखना चाहिए।