प्रयागराज

हरिद्वार या हरद्वार, मायापूरी सब एक

 

Haridwar City at a look

कई बार शहरो की भाग दौड़ की लाइफ में यूँही कभी मन करता हैं कही पहाड़ो में निकल कर कुछ फुर्सत के पल नदी के किनारे आध्यात्म में बिताये । अगर आपके अंदर भी यह वाली फीलिंग जोर मर रही हो आपके लिए हरिद्वार यात्रा आपके लिए धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों लिहाज़ से बूस्टर का काम कर सकता है और बेहतर ऑप्शन नहीं हो सकता हैं खासतौर से अगर आप दिल्ली एनसीआर में रहते हो ।  तो आये आज हम कुछ बाते हरिद्वार की करते हैं । हरिद्वार नाम ही बताता है हरी अर्थात भगवान का द्वार यानि दरवाज़ा मतलब ऐसी जगह जहाँ भगवान खुद आपसे मिलने को तैयार हों। कुछ लोग इसको हरद्वार भी कहते हैं हर मतलब महादेव से है और हरी का मतलब भगवान विष्णु से है भगवन विष्णु का बद्रीनाथ धाम और भोलेनाथ का केदारनाथ जाने का रास्ता यही से होकर जाता है इसलिए इसको हरद्वार या हरिद्वार दोनों में से कुछ भी कहा जा सकता है।

ऐसी मान्यता है की समुद्र मंथन के समय निकले अमृत की कुछ बुँदे प्रयागराज, नासिक, उज्जैन और हरिद्वार में गिर गई थी। भगवान भोलेनाथ ने यही पर माँ गंगा को अपनी जटाओं से मुक्त किया था।
हरिद्वार दिल्ली से लगभग 222 km है और आप अपनी गाड़ी या कैब , टैक्सी से ४ से ५ घंटे लगेंगे। यहां से समीपवर्ती हवाई अड्डा देहरादून हवाई अड्डा है।
हरिद्वार उत्तराखंड बड़ा खूबसूरत शहर है। यह शहर माँ गंगा के किनारे बसा हुआ है अगर आप यहां अपनी गाड़ी से जाने का सोच रहे हैं तो यह बात ध्यान रखने की है यहां टैक्सी स्टैंड शहर से बहार ही है और आपको अपनी गाड़ी वहीं छोड़कर गंगाजी पर बने पूल को पार करके शहर में पहुँच सकते हैं। चूँकि यहां पर्यटक पूरे साल आते रहते हैं इसलिए अपना होटल या गेस्ट हाउसे जहाँ भी रहने का विचार हो पहले से बुक करके यहां जाएँ तो आपको सुविधा रहेगी।
यहां घूमने लायक जगहें

ganga river at haridwar

हरिद्वार में माँ गंगा के घाट मन को सुकून देने वाले हैं। यहां कई घाट हैं जैसे रामघाट, विष्णुघाट, गऊघाट , ब्रम्हकुण्ड या हर की पौड़ी, अस्थि प्रवाह घाट जिसमे हर की पौड़ी बहुत ही मशहूर है। ऐसी मान्यता है की यहां एक डुबकी मारने भर से मानव जीवन सफल हो जाता है। घाट के किनारे पर महिलाओं के लिए वस्त्र बदलने के लिए चेंज रूम भी बने हुए हैं। गंगा जी के किनारे ही छोटे बड़े कई मंदिर भी हैं जहा आप पूजा अर्चना कर सकते हैं। वहां चोटीवाला भोजनालय की पूरी सब्जी और रबड़ी बहुत मशहूर है। वहां की सबसे खासियत यह है की दूध और बाकि पेय पदार्थ कुल्हड़ में प्रस्तुत किया जाता है। जो हमें अपनी प्राचीन भारतीय संस्कृति की झलक दिखाता है। वहां के मार्किट भी काफी आकर्षक और किफायती हैं वहां आपको हेंडीक्राफ्ट, पत्थर और धातु से बने सामान आपको अपने बजट में मिल जाएंगे।

mansa devi mata mandir

माता मनसा देवी, माता चंडी देवी और माया देवी तीनो देवियों का त्रिकोण पूरा करना बड़े ही पुण्य का काम माना जाता है। माता मनसा देवी और माता चंडी देवी दोनों देवियां आमने सामने की पहाड़ियों पर हैं वहां जाने के लिए उड़नखटोला और पैदल दोनों मार्ग है।

आप राजाजी राष्ट्रिय पार्क में जंगल सफारी का आनंद ले सकते हैं। वहां आपको विविध प्रकार के वन्य प्राणी मिल जायेंगे।

यहां के अन्य आकर्षण में दक्ष महादेव मंदिर जो हरिद्वार से ४ km है ऐसी मान्यता है की यह जगह भगवान भोलेनाथ की ससुराल है और यहां माता सती के पिता महाराज दक्ष ने यज्ञ करवाया था और वहां भोलेनाथ को नहीं बुलाया गया था माता सती को अपने पति का अपमान बर्दाश्त नहीं हुआ और वो उसी यज्ञ कुंड में सती हो गई।
भारत माता को देवी रूप में मंदिर में देखने का सौभाग्य भी आपको हरिद्वार में ही मिलेगा भारत माता मंदिर में

हमारे गरुण पुराण के अनुसार सबसे पवित्र सप्तपुरियाँ हैं अयोध्या, माया(हरिद्वार), मथुरा, कशी, अवंतिका(उज्जैन), कांची, द्वारका। हालाँकि इन सब धार्मिक महत्वताओं के अलावा हरिद्वार प्राकृतिक रूप से बहुत ही खूबसूरत और समृद्ध शहर है। और यहां आकर आपको बड़ा ही सुकून मिलता है।

यहाँ होने वाली 7 बजे की गंगा आरती में ज़रूर जाएँ बड़ा ही अद्भुत नज़ारा होता है उस समय का ।वैसे अभी कोरोना काल में आप दिल्ली से रोडट्रिप का भरपूर लुत्फ़ ले सकते हैं और कुछ बदलाव के साथ खुद को और परिवार को सुरक्षित भी रख सकते हैं।

हरिद्वार को उत्तराखंड के चारों धाम केदारनाथ ,बद्रीनाथ ,गंगोत्री और यमुनोत्री का प्रवेश द्वार भी है साथ ही साथ इसके आसपास कई हिल स्टेशन और प्राकृतिक और मनोरम आकर्षण केंद्र भी हैं। तो देर किस बात की है हालात थोड़ा ठीक होते ही आप भी अपना प्लान करिये और अपने अनुभव हमसे जरूर साझा करें। हमे आपके सुझाव और प्रोत्साहन का बेसब्री से इंतज़ार रहेगा।

प्रयागराज: एक अद्भुत संगम

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर का नाम सुनते ही कई तस्वीरें आंखों के समाने आती हैं क्योंकि प्रयागराज है ही अनोखा और बहुत सी खूबियां और विशेषता अपने अंदर समेटे हुए । एक तरफ तो यह गंगा, यमुना, अदृश्य सरस्वती जैसी तीन पवित्र नदियों का संगम होकर एक धार्मिक स्थल है वहीं दूसरी तरफ पूर्वांचल का मुख्य औद्योगिक और एजुकेशन हब भी है। प्रयागराज ने देश के कई राजनितिज्ञ और फिल्मस्टार्स भी दिए हैं जिनमें से जवाहरलाल नेहरू, चन्द्र शेखर,रीता बहुगुणा जोशी और अमिताभ बच्चन कुछ प्रमुख नाम हैं।

प्रयागराज का नाम मुग़ल शासन में बदलकर इलाहाबाद रख दिया गया था जिसको साल २०१८ में बदलकर पुनः प्रयागराज कर दिया गया। प्रयाग का अर्थ है प्रथम यज्ञ ऐसी मान्यता है कि सृष्टि का निर्माण करते समय ब्रह्मा जी ने प्रथम यज्ञ यहीं किया था। तो आइए आज प्रयागराज में ही कुछ पल गुजारते हैं मेरे नए ब्लॉग के साथ।

प्रयागराज पहुंचने के लिए सभी मार्ग खुले हुए हैं आप अपनी सुविधानुसार हवाई यात्रा, रेल यात्रा या फिर सड़क यात्रा भी कर सकते हो। दिल्ली से प्रयागराज का टोटल डिस्टेन्स लगभग 700 km है। और 10 से 14 घन्टे की यात्रा पड़ती है या रोड से या ट्रेन से । दिल्ली से प्रयागराज के लिये डायरेक्ट फ्लाइट और ट्रेन हैं साथ ही साथ सड़क कनेक्टिविटी भी बहुत बढ़िया है।

इलाहाबाद हवाई अड्डा भारतीय वायु सेना द्वारा संचालित और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा प्रबंधित, बमरौली हवाई अड्डा शहर से 12 किमी दूर स्थित है और प्रमुख रूप से घरेलू मार्गों पर कार्य करता है।

प्रयागराज जंक्शन उत्तर भारत के मुख्य रेलवे जंक्शनों में से एक है । प्रयागराज के चार प्रमुख रेलवे स्टेशन प्रयाग जंक्शन, सिटी स्टेशन रामबाग, दारागंज स्टेशन, चोकी रेलवे स्टेशन और प्रयागराज जंक्शन हैं।

दिल्ली से लखनऊ तक एक्सप्रेस वे से भी कनेक्ट है उसके बाद NH30 से आप आगे बढ़ सकते हैं।साथ ही प्रदेश के विभिन्न शहरों जैसे बनारस (NH19), कानपुर (AH1) के साथ सड़क कनेक्टिविटी भी बहुत बढ़िया है।

भारत का सबसे लंबा जलमार्ग राष्ट्रीय जलमार्ग 1, इलाहाबाद को हल्दिया  के साथ जोड़ता है ।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय, जिसे एयू भी कहा जाता है, देश भर में उच्च शिक्षा के सबसे सम्मानित संस्थानों में से एक है। इसे पूरब के ऑक्सफोर्ड का दर्जा भी दिया गया है। मेडिकल, इंजीनियरिंग से लेकर सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए लाखों छात्र अपने आंखों में भविष्य के सपने लिए हुए हर साल ही यहां पहुंचते हैं। 

प्रयागराज के कुुुछ मशहूर स्थान

वैसे तो प्रयागराज आपलोगों में से कई लोग गए होंगें और वहां के बारे में जानते भी होंगें इसलिए आज शुरु करते हैं उस पुल से जो नैनी और प्रयागराज को जोड़ता है, पहले वाला पुल तकरीबन १५५ साल पुराना और अंग्रेजों द्वारा बनवाया गया था। शुद्ध लोहे के १४ पिलर्स पर खड़ा ये पुल आर्किटेक्चर (Architechture) का अद्भुत नमूना है। बाद में बोला गया कि ये कमज़ोर हो रहा साथ ही साथ इस पर लम्बा जाम भी लगने की वज़ह से ही यमुना नदी पर ही एक नया पुल बनाया गया जो कि केबल (wires) पर लटका हुआ है मुंबई के सी लिंक के बाद शायद यह भारत का दूसरा अद्भुत पुल है । इसको पंडित दीन दयाल उपाध्याय पुल भी बोलते हैं। पुल ख़तम होते ही आप पहुंचोगे प्रयागराज में जहां एक  रोड के एक तरफ मिलेगा आपको मिंटो पार्क और रोड के दूसरी साइड इलाहाबाद डिग्री कॉलेज

ऋषि भारद्वाज का आश्रम
इसके अलावा यहां ऋषि भारद्वाज का आश्रम भी है। ऐसी मान्यता है कि प्रभु श्री राम वनवास जाते समय ऋषि भारद्वाज से शिक्षा ग्रहण करने यहां रुके थे। अभी भी ये आश्रम पर्यटन और आत्मिक चिंतन दोनों ही दृष्टि से काफी मायने रखता है।


हनुमान जी का मंदि
दारागंज में लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर काफी मशहूर है ऐसी मान्यता है कि बरसात में जब तक गंगाजी इस मंदिर को न डूबा दें तब तक उनका उफान बढ़ता ही रहता है और एक बार हनुमानजी को छू लेने के बाद ये वापस हो जाती।

कंपनी बाग
प्रयागराज शहर में कंपनी बाग भी है जिसे चंद्रशेखर पार्क भी बोलते हैं यहां चंद्रशेखर आज़ाद ने अपनी आखिरी लड़ाई लड़ी थी अंग्रेजों से और आखिरी सांस भी यही ली थी। जगह की शांति हमारे दिलों में राष्ट्रीय भावना भर देती है और मिट्टी के महान बेटे की सर्वोच्च बलिदान और वीरता के सामने सिर झुकाती है।

खाने में यहां के अमरूद बहुत ही मशहूर हैं साथ ही कुछ लोकल चीजें जैसे नेतराम मूलचंद एंड संस में कचौरी, लोकनाथ की लस्सी, हीरा हलवाई में गुलाब जामुन, सिविल लाइन्स की चाट और मसाला चुरमुरा का वो स्वाद सिर्फ वहीं जाकर और लंबी लाइन लगाकर ही मिल पाता हैं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट और उत्तर मध्य रेलवे क्षेत्र मुख्यालय शहर को और विशेष प्रशासनिक दर्जा दिलवाते हैं।

स्वराज भवन

प्रयागराज का नाम आया और स्वराज भवन का नाम ना आए ये नामुमकिन है ।

स्वराज भवन एक संग्राहलय है। यहाँ हमारी आज़ादी की लड़ाई से जुड़े लोगों की स्मृतियाँ संजोकर रखी हुई हैं। आज़ादी से पहले तमाम बड़े लोग जो आज़ादी की लड़ाई में शामिल हुए यहीं पर मिलते थे विचार विमर्श करते थे और अपनी रणनीतियाँ बनाते थे। यह आनन्द भवन के पास में ही है। यह प्रयागराज के कर्नलगंज थाने में पड़ता है।

आनंद भवन 

आनंद भवन भी नेहरू परिवार का निवास स्थान हुआ करता थ लेकिन अभी उनकी यादो को सँजोये हुए है और वहाँ जाने वालों को ये याद दिलाता है कि आजादी की लड़ाई में नेहरू गांधी परिवार का क्या योगदान रहा। साथ ही साथ उनका रहन सहन कैसा रहा।

स्वराज भवन को कांग्रेस के बैठक और बाकी काम के लिए देने के बाद नेहरू गांधी परिवार आनंद भवन में रहने लगा। ये हमारे  देश की एकमात्र महिला प्रधानमन्त्री श्रीमती इंदिरा गांधी की जन्मस्थली है और फिल्हाल  भारत  सरकार के  पास  सांस्कृतिक धरोहर है।

 

जवाहर लाल नेहरू नक्षत्र-भवन प्लानेटेरियम

प्लेेनेेेटेरियम भी आनंद भवन में ही है लेेेकिन उसका टिकट अलग लेेना पड़ता है। यहां 3 घन्टे के 3 शो चलते हैै उसमें हमारे  सौरमंडल के बारे में विस्तार से बताया और दिखाया जाता है।

खुसरो बाग

खुसरोबाग भी एक प्रमुख स्थल है जो है तो एक विशाल बाग़ जिसमें जहाँगीर के बेटेे खुसरो के साथ उसकी पत्नी और बेटी का भी मकबरा है।

प्रयागराज के अमरूद बहुत ही मशहूर हैं भविष्य में यहाँ अमरूद का रिसर्च सेन्टर खोलने की मंजूरी मिल चुकी है।

प्रयाग राज का नाम आए और कुंभ का नाम न हो ऐसा कैसे हो सकता है हर बारह साल में यहां पूर्ण कुंभ और हर छह साल में अर्ध कुंभ लगता है। यह चार मुख्य नगर नासिक, उज्जैन, हरिद्वार और प्रयागराज में एक है।

प्रयागराज में तीन नदियों का संगम है तो घाटों की संख्या भी भरमार में है जिनमें सरस्वती घाट, गऊघाट, बलुआघाट, दशाश्वमेध घाट, बरगद घाट, अरैल घाट कुछ प्रमुख हैं। कार्तिक महीने में बलुआघाट जो कि यमुना जी का किनारा है पर एक महीने का मेला लगता है जिसमें हस्तशिल्प और किचन सम्बन्धित वस्तुएँ बजट के अंदर मिल जाती हैं। हिन्दू धर्म में हिंदी महीने में कार्तिक महिने का बहुत ही महात्म्य है।

औद्योगिक और व्यापार की दृष्टि से, प्रयागराज शहर का महत्व कम नहीं है। नैनी और फूलपुर इसके आसपास के दो औद्योगिक शहर है।

शहर की प्रमुख कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज, एल्सटॉम, आईटीआई लिमिटेड, अरेवा, बीपीसीएल, डेका मेडिकल, भारतीय खाद्य निगम, रेमंड सिंथेटिक्स, त्रिवेणी शीट ग्लास, श्नाइडर इलेक्ट्रिक इंडिया लिमिटेड, त्रिवेणी इलेक्ट्रोप्लास्ट, ईएमसी पावर लिमिटेड, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया, हैं। HCL Technologies, Indian Farmers Fertilizer Cooperative (IFFCO), Vibgyor Laboratories, Geep Industries, Hindustan Cable, Indian Oil Corporation Ltd, Baidyanath Ayurved and Hindustan Laboratories। शहर में रेलवे विद्युतीकरण के लिए केंद्रीय संगठन का मुख्यालय भी है।

तो अब जब भी प्रयागराज आइये थोड़ा इत्मीनान से सभी जगहों को एक्सप्लोर करिये, यहाँ के जायके का भी लुत्फ उठाएं और हमारे ब्लॉग से सम्बंधित सुझाव भी ज़रूर दीजिये।